SBI ने करोड़ों ग्राहकों को दिया तोहफा! बढ़ाई ऑटो स्वीप की लिमिट, जानिये ग्राहकों को कैसे होगा फायदा

SBI Auto Sweep Limit: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अपने ग्राहकों के लिए एक अहम बदलाव किया है। बैंक ने ऑटो स्वीप सर्विस की न्यूनतम लिमिट बढ़ा दी है। अब यह लिमिट 35,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दी गई है

अपडेटेड Sep 11, 2025 पर 1:51 PM
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स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अपने ग्राहकों के लिए एक अहम बदलाव किया है।

SBI Auto Sweep Limit: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अपने ग्राहकों के लिए एक अहम बदलाव किया है। बैंक ने ऑटो स्वीप सर्विस की न्यूनतम लिमिट बढ़ा दी है। अब यह लिमिट 35,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दी गई है। यानी अब जब आपके सेविंग अकाउंट में बैलेंस 50,000 रुपये से ऊपर जाएगा, तभी वह अपने-आप फिक्स्ड डिपॉजिट (MOD) में बदलकर ज्यादा ब्याज दिलाएगा।

क्या है SBI का MOD स्कीम?

MOD यानी मल्टी ऑप्शन डिपॉजिट एक खास स्कीम है। इसमें आपके सेविंग अकाउंट में पड़े एक्स्ट्रा पैसे को बैंक अपने-आप टर्म डिपॉजिट में ट्रांसफर कर देता है। इससे आपको सेविंग अकाउंट से ज्यादा ब्याज मिलता है। जरूरत पड़ने पर अगर सेविंग अकाउंट में पैसे कम पड़ जाएं, तो बैंक MOD से पैसा वापस आपके अकाउंट में डाल देता है। इसे रिवर्स स्वीप कहते हैं। ये पैसा आंशिक या पूरा स्वीप हो सकता है।


नई लिमिट का क्या मतलब?

पहले यह लिमिट 35,000 रुपये थी, यानी उससे ऊपर का पैसा MOD में चला जाता था। अब यह लिमिट बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दी गई है। यानी अब MOD बनने का प्रोसेस तभी शुरू होगा, जब अकाउंट में 50,000 रुपये या उससे ज्यादा बैलेंस होगा।

ब्याज और पेमेंट की शर्तें

MOD पर ब्याज दर सेविंग अकाउंट से ज्यादा होती है।

ब्याज तिमाही आधार पर चुकाया जाता है और कंपाउंड होता है।

अगर आप MOD तोड़ते हैं यानी पैसा निकालते हैं, तो उतने समय की दर पर ब्याज दिया जाता है और उस पर थोड़ी पेनाल्टी लग सकती है। बाकी डिपॉजिट पर ब्याज सामान्य रूप से मिलता रहता है।

ब्याज पर TDS (टैक्स डिडक्शन) लागू होता है।

सीनियर सिटिजन्स के लिए फायदा

SBI सीनियर सिटीजन को MOD पर एक्स्ट्रा ब्याज दर देता है। हालांकि सुपर सीनियर सिटिजन 80 साल से ऊपर को कोई एक्स्ट्रा ब्याज नहीं मिलता।

रिवर्स स्वीप कैसे होता है?

रिवर्स स्वीप 5,000 रुपये की यूनिट में होता है। अगर टर्म डिपॉजिट में बैलेंस 15,000 रुपये तक रह जाता है, तो बैंक पूरी रकम वापस सेविंग अकाउंट में डाल देता है। निकासी का नियम LIFO यानी लास्ट इन फर्स्ट आउट यानी सबसे लेटेस्ट MOD से शुरू होता है। ग्राहक चाहे तो FIFO फर्स्ट इन फर्स्ट आउट का विकल्प भी चुन सकता है।

मैच्योरिटी पर क्या होता है?

जब MOD पूरा हो जाता है, तो उसका अमाउंट और ब्याज मिलाकर पूरी रकम अपने-आप सेविंग अकाउंट में ट्रांसफर हो जाता है।

क्यों फायदेमंद है MOD स्कीम?

सेविंग अकाउंट से ज्यादा ब्याज कमाने का आसान तरीका।

जरूरत पड़ने पर पैसा तुरंत वापस अकाउंट में आता है।

अलग से फिक्स्ड डिपॉजिट करने की झंझट नहीं।

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First Published: Sep 11, 2025 1:51 PM

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