म्यूचुअल फंड हाउसेज पर SEBI का शिंकजा कसता जा रहा है। अब मार्केट रेगुलेटर ने एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) से पूछा है कि उन्होंने सुपर सीनियर सिटीजंस को स्मॉलकैप स्कीमें क्यों बेची? मिंट ने पहले यह खबर दी थी। 80 साल और इससे ज्यादा उम्र के लोगों को सुपर सीनियर सिटीजन कहा जाता है। इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स का कहना है कि सीनियर सिटीजंस और रिटायर्ड लोगों को म्यूचुअल फंडों की स्मॉलकैप और मिडकैप स्कीमों में निवेश नहीं करना चाहिए। इसकी वजह यह है कि इन स्कीमों में कई बार तेज उतारचढ़ाव देखने को मिलता है।
स्मॉलकैप स्कीम में रिस्क ज्यादा
इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स का कहना है कि लंबी अवधि में स्मॉलकैप और मिडकैप स्कीमों का रिटर्न ज्यादा रहता है। इनमें कम से कम 7 साल के लिए निवेश करने पर अच्छा रिटर्न मिलता है। लेकिन, शॉर्ट टर्म में इनमें उतारचढ़ाव का रिस्क ज्यादा रहता है। एक फंड हाउस के एग्जिक्यूटिव के मुताबिक, सेबी ने उन एसेट मैनेजमेंट कंपनियों को ईमेल भेजा है, जिनके डेटा से पता चलता है कि उनकी स्मॉलकैप स्कीमों में सुपर सीनियर सिटीजंस ने निवेश किया है।
सुपर सीनियर सिटीजंस से कनफर्मेशन लेने का निर्देश
कई एसेट मैनेजमेंट कंपनियों को SEBI का यह मेल मिला है। इस बारे में जानकारी देने वाले सूत्र ने बताया, "सेबी ने एसेट मैनेजमेंट कंपनियों से कहा है कि वे सुपर सीनियर सिटीजंस से इस बात का कनफर्मेशन प्राप्त करे कि उन्हें यह पता है कि स्मॉलकैप स्कीमों में रिस्क ज्यादा होता है।"
अभी निवेशकों को रिस्क के बारे में बताने का स्टैंडर्ड प्रोसिजर नहीं
एक दूसरे फंड हाउस के एग्जिक्यूटिव ने मनीकंट्रोल को यह कनफर्म किया कि सेबी से ऐसा मेल मिला है। उन्होंने कहा कि अभी हर फंड हाउस निवेशकों को अपने-अपने तरीके से सलाह देता है। हालांकि, अब इस मसले को लेकर पूरी इंडस्ट्री में चर्चा हो रही है। इस बार बात हो रही है कि क्या इस बारे में कोई स्टैंडर्ड प्रोसिजर बनाया जा सकता है।
स्मॉलकैप स्टॉक्स में अचानक गिरावट से हो सकता है लॉस
पिछले कुछ समय से स्मॉलकैप स्कीमों को लेकर सेबी की सख्ती बढ़ी है। इसकी वजह स्मॉलकैप और मिडकैप स्टॉक्स में आई तेजी है। इससे दोनों कैटेगरी के कई स्टॉक्स में बुलबुला बन गया है। सेबी को डर है कि अचानक इस बुलबुले के फटने पर मिडकैप और स्मॉलकैप स्कीम के निवेशकों को बड़ा नुकसान हो सकता है। सेबी ने कुछ समय पहले AMFI को म्यूचुअल फंड हाउसेज को स्ट्रेस टेस्ट का निर्देश देने को कहा था। उसने यह भी कहा था कि म्यूचुअल फंड हाउसेज को हर 15 दिन पर स्ट्रेस टेस्ट के नतीजे अपनी वेबसाइट पर पब्लिश करने होंगे।
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