Silver Price: चांदी में आएगी तूफानी तेजी, ₹130000 किलो तक जा सकता है भाव; जानिए क्या है वजह

Silver Price Outlook: जून के अंत तक चांदी का भाव ₹1,30,000 प्रति किलो तक पहुंच सकता है। इस तेजी के पीछे तीन प्रमुख कारण हैं। एक्सपर्ट ने जौहरियों और चांदी के निवेशकों के लिए कुछ खास सलाह भी दी है। आइए जानते हैं पूरी डिटेल। 

अपडेटेड Jun 07, 2025 पर 11:18 PM
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2025 लगातार पांचवां साल है, जब सिल्वर की ग्लोबल डिमांड उसकी सप्लाई से अधिक है।

Silver Price Outlook: चांदी के बाजार में अगले कुछ दिनों के दौरान भारी हलचल देखने को मिल सकती है। Kedia Fincorp ने एक बोल्ड प्रोजेक्शन देते हुए कहा है कि चांदी की कीमतें जून के अंत तक ₹1,30,000 प्रति किलो तक पहुंच सकती हैं।

इस अनुमान के पीछे तीन मजबूत स्ट्रक्चरल वजहें हैं। चीन का रेयर-अर्थ मैग्नेट्स के निर्यात पर प्रतिबंध, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EVs) में चांदी का बढ़ता इस्तेमाल , और लगातार पांचवें साल वैश्विक आपूर्ति घाटा।

आइए तीनों फैक्टर को विस्तार से समझते हैं। साथ ही, यह भी जानेंगे कि चांदी की कीमतों में तेज उछाल का जौहरी, ग्राहक और निवेशकों पर क्या असर होगा।


चीन की पाबंदी से रेयर-अर्थ संकट

चीन ने हाल ही में रेयर-अर्थ मैग्नेट्स के निर्यात पर कड़े नियम लगाए हैं। इससे ग्लोबल इलेक्ट्रॉनिक्स और ईवी सेक्टर में सप्लाई चेन प्रभावित हुई है। नतीजतन, मैन्युफैक्चरर्स अब कॉपर और सिल्वर आधारित मोटर डिजाइन की ओर झुक रहे हैं। इससे इंडस्ट्रियल सिल्वर की मांग में तेजी से इजाफा हो रहा है।

EV सेक्टर में चांदी की बढ़ती खपत

रेयर-अर्थ की कमी के कारण इंडक्शन मोटर्स का इस्तेमाल बढ़ रहा है। इनमें सिल्वर-बेस्ड सोल्डर पेस्ट और बसबार्स की जरूरत होती है। हर ईवी में सिल्वर की खपत मामूली ही सही, लेकिन ग्लोबल प्रोडक्शन के स्केल पर यह अतिरिक्त डिमांड करोड़ों आउंस में बदल जाती है।

सप्लाई डिफिसिट का लगातार पांचवां साल

2025 लगातार पांचवां साल है, जब सिल्वर की ग्लोबल डिमांड उसकी सप्लाई से अधिक है। चांदी का लगभग 70% उत्पादन तांबा या लेड-जिंक माइनिंग का बाय-प्रोडक्ट होता है। कीमतें बढ़ने के बावजूद खनन तुरंत नहीं बढ़ पाता। इससे फिजिकल मार्केट में टाइटनेस बनी रहती है।

चांदी की कीमतों में कैसा बदलाव होने वाला है?

AIJGF के नेशनल जनरल सेक्रेटरी और केडिया फिनकॉर्प के फाउंडर नितिन केडिया का कहना है, “यह सिर्फ एक तेजी का ट्रेंड नहीं, बल्कि एक स्ट्रक्चरल शिफ्ट है। EV रेवोल्यूशन और लंबे समय से चल रहे सप्लाई डेफिसिट ने चांदी की रणनीतिक अहमियत को नए शिखर पर पहुंचा दिया है।”

Kedia Fincorp का मानना है कि शॉर्ट टर्म में चांदी ₹1,30,000 प्रति किलो का स्तर छू सकती है। इस दौरान ₹95,000–₹1,05,000 प्रति किलो का सपोर्ट जोन माना जा रहा है। अगर कीमतें ₹1,02,000–₹1,05,000 के बीच स्थिर होती हैं, तो वहां से अगला मूव ₹1,30,000 की ओर हो सकता है।

मीडियम टर्म में केडिया फिनकॉर्प का अनुमान है कि चांदी ₹1,25,000–₹1,40,000 के दायरे में कारोबार कर सकती है, जहां ₹1,00,000 का स्तर एक मजबूत बेस साबित होगा।

निवेशकों और ट्रेडर्स के लिए क्या है सलाह?

  1. केडिया फिनकॉर्प की सलाह है कि जौहरियों को नए अनहेज्ड सिल्वर कॉन्ट्रैक्ट्स में फिलहाल नहीं घुसना चाहिए। प्राइस स्पाइक्स से बचने के लिए कॉल ऑप्शंस का इस्तेमाल करें।
  2. निवेशकों के लिए सलाह है कि उन्हें सिल्वर ETFs या फिजिकल सिल्वर बार्स को प्राथमिकता देनी चाहिए। चांदी की कीमतों में अधिक उतार-चढ़ाव को देखते हुए निवेशकों को अत्यधिक लीवरेज वाले डेरिवेटिव्स से बचने की जरूरत है।
  3. केडिया फिनकॉर्प ने ट्रेडर्स को सलाह दी है कि ₹1,16,000–₹1,22,000 के वोलैटिलिटी जोन को करीब से मॉनिटर करें। साथ ही, एंट्री और स्टॉप-लॉस स्तरों पर सख्ती से अमल करें।

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डिस्क्लेमरः Moneycontrol पर एक्सपर्ट्स/ब्रोकरेज फर्म्स की ओर से दिए जाने वाले विचार और निवेश सलाह उनके अपने होते हैं, न कि वेबसाइट और उसके मैनेजमेंट के। Moneycontrol यूजर्स को सलाह देता है कि वह कोई भी निवेश निर्णय लेने के पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह लें।

Suneel Kumar

Suneel Kumar

First Published: Jun 07, 2025 11:18 PM

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