SIP : क्या आप सिप पेमेंट मिस कर जाते हैं? जानिए इससे आपको होता हो कितना बड़ा नुकसान

कई इनवेस्टर्स म्यूचुअल फंड की इक्विटी स्कीम में सिप के जरिए निवेश शुरू करते हैं लेकिन बाजार में बड़ी गिरावट आने पर वे अपना सिप बंद कर देते हैं। सिप का पेमेंट मिस करने का असर आपके लॉन्ग टर्म रिटर्न पर पड़ता है

अपडेटेड Nov 18, 2025 पर 12:58 PM
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सिप पेमेंट मिस करने की एक बड़ी वजह सिप के लिए गलत तारीख का चुनाव है।

आप सिप के जरिए म्यूचुअल फंड की स्कीम में हर महीने निवेश कर रहे हैं तो कुछ बातों का ख्याल रखना जरूरी है। लंबी अवधि में बड़ा फंड तैयार करने के लिए आपको निवेश में अनुशासन बनाए रखना होगा। सिप का पेमेंट मिस करने का असर आपके लॉन्ग टर्म रिटर्न पर पड़ता है। कई इनवेस्टर्स म्यूचुअल फंड की इक्विटी स्कीम में सिप के जरिए निवेश शुरू करते हैं लेकिन बाजार में बड़ी गिरावट आने पर वे अपना सिप बंद कर देते हैं।

सिप पेमेंट मिस करने पर घट सकता है आपका रिटर्न

अगर कोई इनवेस्टर हर महीने 5,000 का निवेश SIP के जरिए करता है तो एक साल में सिर्फ तीन सिप पेमेंट करने से वह 15 साल में 1.5 लाख रुपये से ज्यादा रिटर्न का मौका चूक सकता है। इस कैलकुलेशन के लिए सालाना औसत रिटर्न 12 फीसदी माना गया है। दरअसल, निवेश की अवधि जितनी लंबी होगी, कुल रिटर्न पर सिप मिस करने का उतना ज्यादा असर पड़ेगा।


गलत तारीख के चुनाव से सिप पेमेंट मिस करने का डर

सिप पेमेंट मिस करने की एक बड़ी वजह सिप के लिए गलत तारीख का चुनाव है। सिप पेमेंट की तारीख ऐसी होनी चाहिए, जब आपके सेविंग्स अकाउंट में पर्याप्त पैसे रहते हों। कई इनवेस्टर इस वजह से सैलरी आने की तारीख के तुरंत बाद सिप पेमेंट की तारीख रहते हैं। इसे एक उदाहरण से समझा जा सकता है। मान लीजिए अगर हर महीने की आखिरी तारीख को आपकी सैलरी आती है तो आप हर महीने 1 से 5 तारीख के बीच सिप पेमेंट की तारीख रख सकते हैं।

सिप पेमेंट के लिए अलग बैंक अकाउंट का कर सकते हैं इस्तेमाल

सिप पेमेंट मिस होने से बचने के लिए एक दूसरे बैंक अकाउंट का इस्तेमाल सिप के लिए किया जा सकता है। फिर, सैलरी बैंक अकाउंट में क्रेडिट होते ही आप सिप का अमाउंट दूसरे बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर सकते हैं। इससे सिप पेमेंट मिस होने का खतरा खत्म हो जाएगा। कई इनवेस्टर्स सिप अमाउंट के पेमेंट के लिए दूसरे बैंक अकाउंट का इस्तेमाल करते हैं। इससे सिप पेमेंट में अनुशासन बना रहता है।

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बैंक की ईसीएस फैसिलिटी का जरूर करें इस्तेमाल

बैंक की ईसीएस फैसिलिटी से सिप का पैसा हर महीने आपके बैंक अकाउंट से अपने आप कट जाता है। बैंक सिप पेमेंट का रिमाइंडर भी इनवेस्टर को भेजते हैं। इसमें बताया जाता है कि तय तारीख को आपके बैंक अकाउंट से सिप का पैसा कटने वाला है। इनवेस्टर को उस तारीख को अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस बनाए रखने की सलाह दी जाती है। इसे इनवेस्टर को पता चल जाता है कि सिप पेमेंट के लिए उसके बैंक अकाउंट में कितना पैसा होना जरूरी है।

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