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SIP investment: सिप बंद करने का ख्याल मन से निकाल दीजिए, यह गलती आपको करोड़पति बनने से रोक सकती है

पिछले साल सितंबर के अंत से स्टॉक मार्केट में जारी गिरावट ने म्यूचुअल फंड के निवेशकों को भी काफी चोट पहुंचाई है। वे अपने इनवेस्टमेंट की वैल्यू घटने से निराश हैं। कई इनवेस्टर्स ने तो अपने सिप बंद करने तक का फैसला ले लिया है। एक्सपर्ट का कहना है कि यह बड़ी गलती है

अपडेटेड Apr 10, 2025 पर 10:11 AM
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पिछले साल 26 सितंबर को निफ्टी 50 ने ऊंचाई का रिकॉर्ड बनाया था। यह 26,216 पर पहुंच गया था। 9 अप्रैल, 2025 को यह 22,399 प्वाइंट्स पर बंद हुआ।

इंडियन मार्केट्स में 26 सितंबर, 2024 के बाद गिरावट का सिलसिला शु्रू हुआ था, जो अब तक जारी है। पिछले साल 26 सितंबर को निफ्टी 50 ने ऊंचाई का रिकॉर्ड बनाया था। यह 26,216 पर पहुंच गया था। 9 अप्रैल, 2025 को यह 22,399 प्वाइंट्स पर बंद हुआ। इस गिरावट ने इनवेस्टर्स को बड़ी चोट पहुंचाई है। म्यूचुअल फंड्स में सिप के जरिए निवेश करने वाले लोगों को भी नुकसान उठाना पड़ा है। इससे कई इनवेस्टर्स अपना सिप बंद करने के बारे में सोचने लगे हैं। अगर आपको भी सिप बंद करने का ख्याल आ रहा है तो इसे मन से निकाल दीजिए। कैपिटल लीग की पार्टनर राजुल कोठारी ने कहा है कि मार्केट्स में गिरावट के दौरान सिप बंद करने से लंबी अवधि में काफी नुकसान हो सकता है।

निवेश जारी रखने पर रूपी कॉस्ट एवरेजिंग का फायदा

कोठारी ने कहा कि नए इनवेस्टर्स मार्केट में जारी गिरावट के बीच अपने SIP को लेकर दुविधा में हैं। उन्होंने कहा, "रूपी कॉस्ट एवरेजिंग का ज्यादा फायदा तभी मिलता है जब मार्केट में गिरावट के दौरान आप अपना इनवेस्टमेंट जारी रखते हैं। मार्केट गिरने पर अगर आप अपना SIP बंद कर देते हैं तो आप लंबी अवधि में शानदार रिटर्न कमाने का मौका चूक जाते हैं।" उन्होंने युवा निवेशकों के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में ये बातें कहीं। SIP में रूपी कॉस्ट एवरेजिंग का सिद्धांत डॉलर कॉस्ट एवरेजिंग से निकला है।


रूपी कॉस्ट एवरेजिंग से आपको ऐसे होता है फायदा

SIP के फायदे का आधार रूपी कॉस्ट एवरेजिंग का सिद्धांत है। जब आप हर महीने एक निश्चित अमाउंट नियमित रूप से इनवेस्ट करते हैं तो आपको शेयरों की कीमतें कम होने पर ज्यादा यूनिट्स एलॉट होते हैं। ठीक इसी तरह शेयरों की कीमतें ज्यादा होने पर आपको कम यूनिट्स एलॉट होते हैं। इससे लंबी अवधि में प्रति यूनिट आपकी एवरेज कॉस्ट काफी कम हो जाती है। इससे आपके इनवेस्टमेंट पर मार्केट में उतारचढ़ाव का असर नहीं पड़ता है।

सिर्फ इनवेस्टमेंट शुरू कर देना काफी नहीं है

राजुल ने कहा कि आज किसी फिनटेक प्लेटफॉर्म पर अकाउंट ओपन करना और इनवेस्टमेंट शुरू करना बहुत आसान हो गया है। लेकिन, यह सुविधा बगैर प्रॉपर फ्रेमवर्क के है। इसका मतलब यह है कि इनवेस्टर यह ठीक तरह से नहीं समझता कि उसके रिस्क लेने की क्षमता कितनी है। ज्यादातर इनवेस्टर्स बगैर किसी लक्ष्य (Goal) के निवेश करना शुरू कर देते हैं। ये ऐसी चीजें हैं, जिन पर ध्यान देने की जरूरत है। अगर इनवेस्टर्स खासकर नए इनवेस्टर्स को इस बारे में जागरूक किया जाता है तो उन्हें लंबी अवधि में बड़ा वेल्थ बनाने में आसानी होगी।

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युवाओं को सही रास्ता दिखान में मातापिता की बड़ी भूमिका

उन्होंने खर्च को लेकर युवाओं की सोच बदलने की भी जरूरत बताई। उन्होंने कहा, "हमने ऐसा दौर देखा है, जब चीजों की कमी होती थी। लेकिन, आज बच्चों को किसी तरह का अभाव नहीं है। उनके लिए हर चीज उपलब्ध है। ऐसे में उनके सोचना का तरीका अलग है। उन्हें सही रास्ता दिखाने में मातापिता की बड़ी भूमिका हो सकती है। खर्च को लेकर जिम्मेदारी और सावधानी का भाव उनमें होना चाहिए।"

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