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सिर्फ ₹4800 की मासिक बचत से बन जाएगा ₹1 करोड़ का फंड, जानिए क्या है इसका फॉर्मूला

Investment Tips: ₹4800 की SIP से 20 साल में ₹1 करोड़ का फंड बन सकता है। लेकिन, इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। आपको निवेश की प्लानिंग करते समय महंगाई का भी ध्यान रखना होगा, जो आपके पैसों की वैल्यू घटा देगी।

अपडेटेड May 19, 2025 पर 9:56 PM
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फाइनेंशियल एडवाइजर मानते हैं कि म्यूचुअल फंड्स (MFs) महंगाई को मात देकर संपत्ति बनाने का एक बढ़िया तरीका है।

SIP Investment Tips: अपने फाइनेंशियल फ्यूचर को सुरक्षित करना जिंदगी की सबसे बड़ी प्राथमिकताओं में से एक होना चाहिए। क्योंकि इससे उम्र बढ़ने पर तनाव काफी हद तक कम हो जाता है। इसके लिए सबसे जरूरी है – बचत करना। आप जितनी जल्दी बचत शुरू करेंगे, उतनी आसानी से और उतना बड़ा फंड आप बना सकेंगे।

हालांकि, अगर आपने सिर्फ पैसे बचाकर उसे कहीं निवेश नहीं किया, तो महंगाई (Inflation) धीरे-धीरे आपकी पूंजी की कीमत कम कर देगी। इसीलिए निवेश जरूरी है। और निवेश ऐसा होना चाहिए कि उससे मिलने वाला रिटर्न कम से कम महंगाई को मात दे सके।

अब सवाल उठता है कि महंगाई को मात देने के लिए कैसे 10, 15 या 20 साल में सिर्फ मासिक बचत से 1 करोड़ रुपये का फंड तैयार किया जा सकता है?


म्यूचुअल फंड सबसे असरदार

फाइनेंशियल एडवाइजर मानते हैं कि म्यूचुअल फंड्स (MFs) महंगाई को मात देकर संपत्ति बनाने का एक बढ़िया तरीका है। आप म्यूचुअल फंड्स में हर महीने या एकमुश्त निवेश कर सकते हैं। जब आप हर महीने निवेश करते हैं, तो उसे SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) कहा जाता है।

स्टेप-अप SIP क्या है?

स्टेप-अप SIP का मतलब है कि आप हर साल अपने मासिक निवेश को एक तय प्रतिशत (जैसे 10% या 15%) से बढ़ाते हैं। इससे आपकी निवेश आदतें आपकी आमदनी के साथ तालमेल में रहती हैं और शुरुआती बोझ भी कम होता है। आखिर में बड़ा फंड बनाने की गुंजाइश भी बनती है।

1 करोड़ रुपये का फंड कैसे तैयार करें?

  • टारगेट रकम: ₹1 करोड़
  • अनुमानित रिटर्न (CAGR): 12% सालाना
  • निवेश का तरीका: SIP (मासिक निवेश)
  • स्टेप-अप दर: हर साल SIP में 10% की वृद्धि
  • निवेश अवधि: 10 साल, 15 साल, 20 साल

नोट: भारत में इक्विटी म्यूचुअल फंड्स और इंडेक्स फंड्स ने ऐतिहासिक रूप से 10–14% का सालाना रिटर्न दिया है। हमने यहां 12% को एक रियलिस्टिक और सुरक्षित औसत मानते हुए कैलकुलेशन किया है।

कितनी मासिक बचत करनी होगी?

निवेश अवधि बिना स्टेप-अप SIP
10% स्टेप-अप SIP
10 साल ₹43,000 ₹27,000
15 साल ₹20,000 ₹10,500
20 साल ₹11,000 ₹4,800

स्टेप-अप SIP में हर साल निवेश राशि में 10% की बढ़ोतरी मान ली गई है। इसके चलते निवेश की शुरुआत कम रकम से होगी, जो हर साल बढ़ती जाएगी।

किस म्यूचुअल फंड में SIP करें?

आप अपनी पसंद और सहूलियत के हिसाब से SIP के लिए म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर सकते हैं। कुछ म्यूचुअल फंड पर गौर सकते हैं:

  1. फ्लेक्सी कैप फंड्स: Parag Parikh, JM Financial Flexi Cap आदि
  2. मिड-कैप फंड्स: Motilal Midcap, HDFC Mid Cap Opportunities आदि
  3. स्मॉल-कैप फंड्स: Nippon India, Axis, Bandhan Small Cap आदि

इंडेक्स फंड्स का विकल्प कैसा रहेगा?

इंडेक्स फंड्स कम खर्च में स्थिर रिटर्न देने के लिए जाने जाते हैं। ये अक्सर 12–14% का औसत रिटर्न देते हैं। इसमें निवेश के लिए आप Nifty 50 और सेंसेक्स टॉप 30 जैसे इंडेक्स में पैसे लगा सकते हैं। इसका मतलब है कि अगर आप Nifty 50 इंडेक्स फंड में निवेश करते हैं, तो आपका पैसा उन 50 कंपनियों में लग जाएगा जो Nifty में शामिल हैं। जैसे कि Reliance, TCS, Infosys, HDFC Bank आदि।

इसका मकसद है कि ये इंडेक्स फंड Nifty 50 जितना ही रिटर्न दे। वहीं, मिड-कैप और स्मॉल-कैप फंड्स 18% तक रिटर्न दे सकते हैं। हालांकि इनमें जोखिम भी ज्यादा होता है।

कौन-सा फंड चुनें?

समय-सीमा सुझाया गया फंड जोखिम स्तर
रिटर्न संभावना (CAGR)
10 साल फ्लेक्सी / मिड कैप फंड्स मध्यम से उच्च 12–14%
15+ साल मिड / स्मॉल कैप फंड्स उच्च 13–15%
20 साल मल्टी कैप / इंडेक्स फंड्स मध्यम 11–13%

नोट: अगर आप एक्टिव रूप से फंड्स को मैनेज नहीं करना चाहते, तो इंडेक्स फंड्स या ETF आपके लिए बेहतर हैं। ये सस्ते और आसान होते हैं।

म्यूचुअल फंड में निवेश से जुड़ी सावधानियां

सभी म्यूचुअल फंड्स बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं। अगर बाजार में कोई भी बड़ी हलचल होती है, तो उसका सीधा असर इनके रिटर्न पर होगा। साथ ही, हर फंड में एक Expense Ratio होता है, जो आपके रिटर्न को थोड़ा घटा सकता है। एक ही स्कीम अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर अलग खर्च दिखा सकती है। ऐसे में हमेशा कम खर्च वाला विकल्प चुनें।

कुछ फंड्स में Exit Load भी होता है यानी जल्दी निकालने पर चार्ज लगेगा। इसका मतलब कि अगर आप 90 दिन या फंड द्वारा तय अवधि से पहले निकलते हैं, तो आपको एग्जिट लोड देना होगा।

1 करोड़ की असली कीमत कितनी होगी?

आप SIP जैसे निवेश माध्यम से ₹1 करोड़ का फंड तो जुटा लेंगे, लेकिन तब इसकी वैल्यू आज के ₹1 करोड़ जितनी नहीं रहेगी। इसकी सबसे अहम वजह है महंगाई, जो हमारे पैसे की वैल्यू को कम देगी। आइए जानते हैं कि अगर महंगाई दर 6% रही, तो आने वाले समय में ₹1 की वैल्यू कितनी होगी।

समय
आज के ₹1 करोड़ की वैल्यू 
20 साल बाद ₹31.18 लाख
30 साल बाद ₹17.41 लाख
50 साल बाद ₹5.43 लाख

इसका मतलब सीधा है कि वक्त के साथ पैसों की वैल्यू कम होती जाएगी। इसलिए अपने फाइनेंशियल गोल्स को बनाते समय महंगाई को जरूर ध्यान में रखें। खासकर, अगर आप लॉन्ग टर्म के लिए निवेश कर रहे हैं।

यह भी पढ़ें : 50 साल बाद कितनी रह जाएगी ₹1 करोड़ की वैल्यू, क्या है महंगाई की मार से बचने का तरीका?

डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।

Suneel Kumar

Suneel Kumar

First Published: May 19, 2025 9:51 PM

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