SIP Calculator: ₹5000 की SIP से कैसे बनेगा ₹10 लाख का फंड, कितना लगेगा समय?

SIP Calculator: क्या सिर्फ ₹5,000 की SIP से ₹10 लाख का फंड बन सकता है? जानिए कैसे अलग-अलग रिटर्न रेट और निवेश रणनीति से आप यह पा सकते हैं। साथ ही, इसमें कितना रिस्क रहेगा और किन बातों का ध्यान रखना होगा।

अपडेटेड May 25, 2025 पर 5:07 PM
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अगर आप ₹5,000 के साथ SIP करते हैं, तो Large & Mid Cap या Flexi Cap Funds अच्छे विकल्प हो सकते हैं।

SIP Calculator: अगर आप हर महीने ₹5,000 की SIP (Systematic Investment Plan) करते हैं, तो क्या आप ₹10 लाख का फंड बना सकते हैं? जवाब है- हां, बिल्कुल बना सकते हैं। लेकिन ये इस बात पर निर्भर करता है कि आप कितने साल तक निवेश करते हैं और आपको उस पर कितना रिटर्न मिलेगा।

SIP में कितना रिटर्न संभव?

SIP में मिलने वाला रिटर्न फिक्स नहीं होता। यह काफी हद तक बाजार की चाल पर निर्भर करता है। लेकिन अगर हम पिछले 10–15 सालों का औसत देखें, तो इक्विटी म्यूचुअल फंड ने औसतन 12% तक का सालाना रिटर्न दिया है।


हम तीन अलग-अलग रिटर्न के हिसाब से आकलन करेंगे:

  • 8% (रक्षात्मक के नजरिए से)
  • 10% (मॉडरेट अनुमान)
  • 12% (आक्रामक अनुमान)

₹10 लाख का फंड बनाने में कितना वक्त लगेगा?

मासिक SIP अनुमानित रिटर्न
₹10 लाख बनने में समय
₹5,000 8% 11 साल 10 महीने
₹5,000 10% 10 साल 3 महीने
₹5,000 12% 9 साल 1 महीना

नोट: यह कैलकुलेशन कंपाउंडिंग थ्योरी पर आधारित है। इसमें टैक्स, फंड मैनेजमेंट फीस या मार्केट वोलाटिलिटी नहीं जोड़ी गई है।

क्या SIP को हर साल बढ़ाना समझदारी है?

अगर आप हर साल अपनी SIP में 10% की बढ़ोतरी करें। जैसे कि अगले साल ₹5,500, फिर ₹6,050, तो ₹10 लाख का लक्ष्य और जल्दी पूरा हो सकता है। लगभग 7–8 साल में। इसे Step-up SIP कहते हैं, और ये लंबी अवधि के लक्ष्यों के लिए बेहतरीन तरीका है।

किस तरह के फंड चुनें?

अगर आप ₹5,000 के साथ SIP करते हैं, तो Large & Mid Cap या Flexi Cap Funds अच्छे विकल्प हो सकते हैं। ये न तो बहुत रिस्की होते हैं और न ही बहुत कम रिटर्न वाले। अगर स्मॉल कैप या मिड कैप फंड का रुख करते हैं, तो अधिक रिटर्न मिल सकता है। हालांकि, इसमें जोखिम भी अधिक रहता है।

SIP क्या होती है?

SIP यानी Systematic Investment Plan लॉन्ग टर्म में बड़ा बड़ा फंड बनाने के लिए निवेश का एक तरीका है। इसमें आप हर महीने एक तय रकम किसी म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, जिससे समय के साथ आपकी पूंजी बढ़ती जाती है। SIP का मकसद यह है कि बिना एकमुश्त बड़ा अमाउंट लगाए भी आप निवेश की आदत बना सकें।

यह तरीका रुपया-औसत लागत (rupee cost averaging) और चक्रवृद्धि ब्याज (compounding) का फायदा देता है, जिससे लंबे समय में अच्छा रिटर्न मिल सकता है। SIP खासकर उन लोगों के लिए फायदेमंद है, डिसिप्लिन के साथ लंबी अवधि में बड़ा फंड बनाना चाहते हैं।

SIP का असली फायदा तब दिखता है जब आप इसे लंबे समय तक जारी रखते हैं। ये निवेश आदत बनती है और मार्केट उतार-चढ़ाव में भी निवेश चलता रहता है, जिससे रुपया लागत औसत (Rupee Cost Averaging) का फायदा मिलता है।

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डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।

Suneel Kumar

Suneel Kumar

First Published: May 25, 2025 4:47 PM

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