नए इनवेस्टर को कितना पैसा इक्विटी और कितना डेट में इनवेस्ट करना चाहिए?

एसेट ऐलोकेशन के लिए कोई एक सिद्धांत नहीं है। यह इनवेस्टर की इनकम, खर्च और रिस्क लेने की क्षमता पर निर्भर करता है। एसेट ऐलोकेशन का बुनियादी सिद्धांत कहता है कि आपका 50 फीसदी निवेश इक्विटी और 50 फीसदी फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट्स में होना चाहिए

अपडेटेड Dec 12, 2025 पर 10:52 PM
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नए इनवेस्टर्स फ्लेक्सीकैप या लार्जकैप फंड के साथ शुरुआत कर सकते हैं।

नए इनवेस्टर्स के सामने अक्सर यह सवाल होता है कि उन्हें शेयरों में कितना और डेट में कितना इनवेस्ट करना चाहिए। इसका मतलब यह है कि उन्हें एसेट ऐलोकेशन के बारे में पता नहीं होता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि निवेश में एसेट ऐलोकेशन बहुत जरूरी है। हालांकि, एसेट ऐलोकेशन अलग-अलग इनवेस्टर के लिए अलग-अलग होता है। यह इनवेस्टर की इनकम, खर्च और रिस्क लेने की क्षमता पर निर्भर करता है।

एसेट ऐलोकेशन का बुनियादी सिद्धांत

Asset Allocation का बुनियादी सिद्धांत कहता है कि आपका 50 फीसदी निवेश इक्विटी और 50 फीसदी फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट्स में होना चाहिए। इसका फायदा यह है कि इक्विटी में निवेश से आपको अट्रैक्टिव रिटर्न मिलता है, जबकि डेट में निवेश से आपके पोर्टफोलियो को सुरक्षा मिलती है।


उम्र पर निर्भर है इक्विटी में निवेश का हिस्सा

शेयरों में निवेश का अनुपात इनवेस्टर की उम्र और रिस्क लेने की क्षमता पर निर्भर करता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसे इनवेस्टर्स जिनकी उम्र कम है, वे शेयरों में 60 फीसदी निवेश कर सकते हैं। ऐसे में उनके पोर्टफोलियो के निवेश का अनुपात 50:50 की जगह 60:40 हो जाएगा।

नए इनवेस्टर्स 60:40 रेशिया का इस्तेमाल कर सकते हैं

अगर आप नए निवेशक हैं, जो अट्रैक्टिव रिटर्न के साथ अपने निवेश की सुरक्षा चाहते हैं तो आप 60:40 ऐलोकेशन का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें आपका 60 फीसदी निवेश शेयरों में और बाकी फिक्स्ड इनकम प्रोडेक्ट्स में होगा। इससे आपका कुल रिटर्न इनफ्लेशन के मुकाबले काफी ज्यादा रहेगा।

अपने खर्च और रिस्क लेने की क्षमता के आधार पर फैसला

Rupee With Rushabh Investment Services के फाउंडर ऋषभ देसाई ने कहा, "एसेट ऐलोकेशन में कई दूसरी चीजों का भी ध्यान रखना होता है। इनमें आपका खर्च, आपका मैरिज स्टेटस आदि शामिल हैं। अगर आप यंग है तो इसका मतलब यह नहीं कि आपका एसेट ऐलोकेशन इक्विटी में 70-80 फीसदी तक होना चाहिए।"

ज्यादा रिस्क लेने वाले इक्विटी में 60-70 फीसदी तक निवेश कर सकते हैं

लैडर7वेल्थ प्लैनर्स के एमडी सुरेश सदागोपन ने कहा कि जो लोग ज्यादा रिस्क ले सकते हैं, वे इक्विटी में 60-70 फीसदी तक निवेश कर सकते हैं। लेकिन, इनवेस्टर को इक्विटी में 100 फीसदी ऐलोकेशन के लालच से बचना चाहिए। इससे ज्यादा रिटर्न मिल सकता है, लेकिन गिरावट की स्थिति में बड़ा नुकसान हो सकता है।

नए निवेशक को मार्केट करेक्शन के बारे में जानना चाहिए

एक्सिओम फाइनेंशियल सर्विसेज के सीईओ दीपक छाबड़िया ने कहा कि पहली बार निवेश करने वाले इनवेस्टर्स को मार्केट करेक्शन के बारे में जानना बहुत जरूरी है। जब तक आप इस करेक्शन को समझेंगे नहीं, तब तक डेट में निवेश के महत्व को नहीं जान सकेंगे।

सेबी ने तय की है इक्विटी फंड की कुल 11 कैटेगरी 

एक बार आपने यह तय कर लिया है कि आपको कितना निवेश इक्विटी में और कितना डेट में करना है तो उसके बाद आपको यह तय करना होगा कि इक्विटी में आप किसी तरह के फंड में निवेश करेंगे। सेबी ने इक्विटी फंड्स की 11 कैटेगरीज तय की है। इनमें अपनी जरूरत के हिसाब से फंड का चुनाव करना जरूरी है।

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फ्लेक्सीकैप या लार्जकैप से कर सकते हैं शुरुआत

एक्सपर्ट्स का कहना है कि नए इनवेस्टर्स फ्लेक्सीकैप या लार्जकैप फंड के साथ शुरुआत कर सकते हैं। जब वे इन फंड्स के काम करने के तरीके को समझ जाएंगे तो वे फिर मिडकैप फंड में निवेश कर सकते है। कुछ समय बाद इनवेस्टर्स को इतना अनुभव हो जाता है कि वह आसानी से यह तय कर लेता है कि उसके लिए कौन सा फंड सही रहेगा।

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