Sovereign Gold Bond: एसजीबी की किस्त का इंतजार कर रहे इनवेस्टर्स को निराश होने की जरूरत नहीं, ये हैं बेहतर विकल्प

सरकार ने सॉवरेन गोल्ड स्कीम (SGB) बंद कर दी है। आखिरी बार सरकार ने पिछले साल फरवरी में एसजीबी की किस्त पेश की थी। एसजीबी में निवेशकों की दिलचस्पी इसलिए थी कि इसमें निवेश पर सालाना 2.5 फीसदी अतिरिक्त इंटरेस्ट मिलता था

अपडेटेड Mar 01, 2025 पर 3:00 PM
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बीते एक साल में SGB स्कीम की नई किस्त नहीं आई है।

सरकार ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) स्कीम बंद कर दी है। इस स्कीम को इनवेस्टर्स का बहुत अच्छा रिस्पॉन्स मिला था। सरकार ने अंतिम बार फरवरी 2024 में एसजीबी की नई किस्त का ऐलान किया था। इसका मतलब है कि बीते एक साल में इस स्कीम की नई किस्त नहीं आई है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि अब इस स्कीम के जारी रहने की उम्मीद नहीं दिखती। सवाल है कि जिन इनवेस्टर्स ने इस स्कीम की पुरानी किस्तों में इनवेस्ट किया है, उनके पास क्या विकल्प है?

SGB में निवेशकी की दिलचस्पी की वजह

ट्रेडजीनी के सीओओ त्रिवेश डी ने कहा कि जिन निवेशकों ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम (Sovereign Gold Bond) में निवेश किया है, उन्हें मैच्योरिटी तक अपने निवेश को बनाए रखना चाहिए। इसकी वजह यह है कि इस स्कीम में निवेश पर सालाना 2.5 फीसदी इंटरेस्ट मिलता है। साथ ही मैच्योरिटी तक निवेश बनाए रखने पर कैपिटल गेंस पर किसी तरह का टैक्स नहीं लगता है। हालांकि, उन्होंने कहा कि अगर इनवेस्टर्स को अगर ज्यादा मुनाफा कमाने का कोई दूसरा विकल्प नजर आता है तो वे सेकेंडरी मार्केट में एसजीबी को बेच सकते हैं।


गोल्ड ईटीएफ एक शानदार विकल्प

उन्होंने कहा कि ऐसा करने से पहले निवेशकों को अपने लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट गोल को ध्यान में रखना होगा। उन्हें इस बात पर भी गौर करना होगा कि अभी उन्हें कितने पैसे की जरूरत है। जो निवेशक SGB की नई किस्त के आने का इंतजार कर रहे हैं, उन्हें अब गोल्ड में निवेश के दूसरे विकल्पों पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा, "गोल्ड ईटीएफ एक शानदार इनवेस्टमेंट ऑप्शन है। इसमें निवेश करना आसान है और लिक्विडिटी भी अच्छी है।"

गोल्ड म्यूचुअल फंड में भी कर सकते हैं निवेश

इनवेस्टर्स गोल्ड म्यूचुअल फंड में भी निवेश कर सकते हैं। दूसरा विकल्प सेकेंडरी मार्केट में एसजीबी में निवेश का है। त्रिवेश ने कहा, "एसजीबी में सेकेंडरी मार्केट के जरिए निवेश किया जा सकता है। लेकिन, इसमें लिक्विडिटी एक दिक्कत है।" उन्होंने कहा कि इसके मुकाबले गोल्ड ईटीएफ और गोल्ड म्यूचुअल फंड में निवेश करना आसान है। कुछ लोग गोल्ड में निवेश के लिए गोल्ड ज्वैलरी खरीदना पंसद करते हैं। हॉलमार्किंग शुरू हो जाने के बाद अब प्योरिटी एक बड़ा मसला नहीं है, लेकिन फिजिकल गोल्ड को सुरक्षित रूप से रखना एक बड़ा चैलेंज है।

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निवेश में इन बातों का रखें ध्यान

एक्सपर्ट्स का मानना है कि आज ऐसे विकल्प में निवेश करना फायदेमंद है, जिसमें जरूरत पड़ने पर पैसा आसानी से निकाला जा सके। इस पैमाने पर गोल्ड ईटीएफ और गोल्ड म्यूचुअल फंड्स सही विकल्प लगते हैं। त्रिवेश ने कहा, "इंडिया ऐसा देश है, जिसमें गोल्ड खरीदने की परंपरा रही है। पहले लोग लोग ज्वैलरी खरीदते थे अब वे गोल्ड ईटीएफ में निवेश कर रहे हैं। गोल्ड ईटीएफ में बढ़ते निवेश से इस बात का संकेत मिलता है।" गोल्ड ईटीएफ में 2022 में निवेश 460 करोड़ रुपये था, जो 2024 में बढ़कर 9,225 करोड़ रुपये हो गया।

Rakesh Ranjan

Rakesh Ranjan

First Published: Mar 01, 2025 2:33 PM

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