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Sovereign Gold Bond: क्या एसजीबी स्कीम को बंद कर सकती है सरकार? जानिए क्या है पूरा मामला

SGB: सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की शुरुआत 2015 में हुई थी। इसकी पहली किस्त 30 नवंबर, 2015 में आई थी। यह किस्त मैच्योर हो चुकी है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 8 साल में मैच्योर हो जाती है। इस दौरान सोने की कीमतों में हुई बढ़ोती का लाभ निवेशक को मिलता है। इसके अलावा उसे 2.5 फीसदी सालाना इंटरेस्ट भी मिलता है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 26, 2024 पर 12:05 PM
Sovereign Gold Bond: क्या एसजीबी स्कीम को बंद कर सकती है सरकार? जानिए क्या है पूरा मामला
बजट में कस्टम ड्यूटी में कमी के बाद नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर एसजीबी की कीमतों में 2-5 फीसदी गिरावट आई है।

सरकार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) स्कीम बंद कर सकती है या इसकी किस्तों में कमी कर सकती है। इस मामले से जुड़े एक व्यक्ति ने यह बताया। यूनियन बजट में गोल्ड और सिल्वर पर कस्टम ड्यूटी में कमी के बाद सरकार यह कदम उठा सकती है। सरकार ने गोल्ड और सिल्वर पर कस्टम ड्यूटी 15 फीसदी से घटाकर 6 फीसदी कर दी है। इससे सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की मांग घटने का अंदेशा है। कस्टम ड्यूटी में कमी के बाद नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर एसजीबी की कीमतों में 2-5 फीसदी गिरावट आई। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2015 में शुरू हुई थी।

पहली किस्त 2015 में आई थी

SGB की पहली किस्त 30 नवंबर, 2015 को आई थी। यह नवंबर 2023 में मैच्योर हो गई। SGB स्कीम की 2016-17 की सीरीज 1 अगस्त 2016 में आई थी। यह सीरीज अगस्त 2024 में मैच्योर करने जा रही है। इसमें एसीजीबी की ऑरिजनल इश्यू प्राइस 3,119 रुपये था। इस पर सालाना 2.75 फीसदी इंटरेस्ट था। एसजीबी के रिडेम्प्शन प्राइस का कैलकुलेशन रिडेम्प्शन की तारीख से तीन दिन पहले 999 प्योरिटी गोल्ड के औसत क्लोजिंग प्राइस के आधार पर होता है।

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