दिल्ली-एनसीआर में सफर करने वाले लोगों के लिए एक अहम खबर आई है। नोएडा-ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे पर गाड़ियों की स्पीड लिमिट घटाने का फैसला लिया गया है। यह नियम 15 दिसंबर से लागू होगा और इसका सीधा असर रोज़ाना सफर करने वाले हजारों वाहन चालकों पर पड़ेगा।
दरअसल, सर्दियों के मौसम में कोहरे और धुंध की वजह से सड़क हादसों का खतरा बढ़ जाता है। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने यह कदम उठाया है। पहले जहां कारों के लिए अधिकतम स्पीड लिमिट 100-120 किलोमीटर प्रति घंटा थी, वहीं अब इसे घटाकर 80 किलोमीटर प्रति घंटा कर दिया गया है। वहीं, भारी वाहनों जैसे ट्रक और बसों के लिए स्पीड लिमिट और भी कम रखी गई है।
इस फैसले का उद्देश्य साफ है सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता देना और हादसों पर रोक लगाना। हर साल दिसंबर और जनवरी में कोहरे के कारण विजिबिलिटी काफी कम हो जाती है। ऐसे में तेज रफ्तार गाड़ियां अक्सर दुर्घटनाओं का शिकार होती हैं। प्रशासन का मानना है कि स्पीड लिमिट घटाने से ड्राइवरों को गाड़ी नियंत्रित करने में आसानी होगी और सड़क पर सुरक्षा बढ़ेगी।
यमुना एक्सप्रेसवे पर सफर करने वाले लोगों का कहना है कि यह कदम भले ही उनकी यात्रा को थोड़ा लंबा कर दे, लेकिन सुरक्षा के लिहाज से यह बेहद जरूरी है। कई यात्रियों ने सोशल मीडिया पर भी इस फैसले का समर्थन किया है। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि प्रशासन को सड़क पर सुरक्षा संकेत और मॉनिटरिंग सिस्टम भी मजबूत करना चाहिए ताकि नियमों का पालन सुनिश्चित हो सके।
विशेषज्ञों का मानना है कि स्पीड लिमिट घटाना केवल एक अस्थायी समाधान है। लंबे समय में सड़क पर बेहतर लाइटिंग, स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट और रियल-टाइम मॉनिटरिंग जैसे उपाय भी जरूरी हैं।