चेन्नई के डी मुथुकृष्णन (D Muthukrishnan) ने 2006 में नौकरी छोड़ म्यूचुअल फंड डिस्ट्रिब्यूशन का काम शुरू किया था। आज वह दक्षिण भारत के सबसे बड़े इंडिविजुअल डिस्ट्रिब्यूटर्स में से एक हैं। 2017 में उन्होंने नए ग्राहक बनाना बंद कर दिया था। वह एक सर्टिफायड फाइनेंशियल प्लानर भी हैं। उनका मानना है कि इंडिया में इनवेस्टमेंट के मौकों की कमी नहीं है। उनका मानना है कि इंडिया की ग्रोथ 6-7 फीसदी रहने के आसार हैं। अगर इनफ्लेशन 5 फीसदी मान लिया जाए तो इसका मतलब 11-12 नॉमिनल ग्रोथ है। दुनिया में कहां आपको 12 फीसदी ग्रोथ मिलेगा? इसलिए इंडिया में निवेश के शानदार मौके हैं।
एग्रेसिव हाइब्रिड फंड्स में निवेश की सलाह
आज किसी निवेशक को 10 लाख रुपये इनवेस्ट करना हो तो उसे यह पैसा कहां लगाना चाहिए? इस सवाल के जवाब में उन्होंने सिर्फ 2 अच्छे एग्रेसिव हाइब्रिड फंड्स में निवेश करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि यह इनवेस्टर्स के लिए पर्याप्त होगा, क्योंकि इनमें ऑटोमैटिक एसेट एलोकेशन होता है। इन फंड्स में होने वाले ऑटोमैटिक एसेट एलोकेशन के लिए आपको किसी तरह का कैपिटल गेंस टैक्स भी नहीं देना पड़ता है। उन्होंने कहा कि एग्रेसिव हाइब्रिड फंड्स में ज्यादा इनवेस्टर्स निवेश नहीं करते। इन फंड्स का रिटर्न इक्विटी फंड्स के मुकाबले 2 फीसदी कम हो सकता है। इसके बावजूद ये अच्छे हैं।
मिडिल क्लास के लिए इक्विटी निवेश का बेस्ट ऑप्शन
मुथुकृष्णन ने कहा कि हाइब्रिड सभी मार्केट सिचुएशंस के लिए बेहतर हैं। इसकी वजह यह है कि जब मार्केट गिरता है तो वे इक्विटी में ज्यादा निवेश करते हैं और मार्केट में तेजी जारी रहने पर वे प्रॉफिट बुक करते हैं। इक्विटी में एलोकेशन बहुत अहम है, क्योंकि इसके बगैर आप इनफ्लेशन से ज्यादा रिटर्न हासिल नहीं कर सकते। मिडिल क्लास और अपर मिडिल क्लास के लिए पैसे बनाने का एकमात्र जरिया इक्विटी है। इसकी वजह यह है कि रियल एस्टेट में निवेश करने के लिए काफी ज्यादा पैसे चाहिए। आप कहीं से पैसे का इंतजाम कर प्रॉपर्टी में निवेश कर भी देते हैं और उस प्रॉपर्टी के साथ कुछ गलत हो जाता है तो फिर बहुत ज्यादा नुकसान हो सकता है। इसकी जगह आप इक्विटी में आप 2-3 फंडों में निवेश कर सकते हैं और कुछ गलत होने पर भी आप आगे बढ़ सकते हैं।
हाइब्रिड फंड्स में अपेक्षाकृत कम गिरावट
उन्होंने बताया कि मार्केट में गिरावट आने पर हाइब्रिड फंड्स में अपेक्षाकृत कम गिरावट आती है। कभी न कभी मार्केट में गिरावट आनी तय है। शेयर बाजार के कई फेज बहोते हैं। यह चढ़ता है, स्थिर रहता है और गिरता है। हमें अपने पोर्टफोलियो को ऐसा बनाना पड़ता है, जिससे मार्केट के फेज का इनवेस्टर्स को सोच पर ज्यादा असर नहीं पड़े। इसीलिए मेरी सलाह फ्लेक्सी कैप फंड्स, हाइब्रिड फंड्स और कुछ अच्छे मिडकै फंड्स में निवेश करने की होती है। मैं लार्ज कैप फंड में निवेश करने की सलाह नहीं देता, क्योंकि इनमें निवेश का उतना ही फायदा मिलता है, जितना इंडेक्स फंड में निवेश का।
स्मॉलकैप फंड्स से दूर रहने में फायदा
स्मॉलकैप फंडों से दूर रहने की सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि आज भले ही स्मॉलकैप फंड्स का प्रदर्शन सबसे अच्छा है। लेकिन, लोगों को पता नहीं कि 2013/2014 में स्मॉलकैप फंड्स का 10 साल का रिटर्न कैसा दिख रहा था तऔर 2008 में उनका क्या हश्र हुआ था। स्मॉलकैप्स का बेहतर प्रदर्शन जारी रह सकता है। लेकिन, जब उनमें गिरावट आती है तो बहुत ज्यादा आती है। सवाल है कि क्या निवेशक इस तरह की गिरावट को बर्दाश्त करने के लिए तैयार हैं? निवेशक को यह समझने की जरूरत है कि वह अपनी स्ट्रेटेजी के साथ अपने लक्ष्य को हासिल कर सकता है या नहीं।