Mahindra Manulife Mutual Fund के सीईओ और एमडी एंथोनी हेरदिया (Anthony Heredia) को इंडियन मार्केट में इनवेस्टमेंट के एक से बढ़कर एक मौके दिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि इंडियन इकोनॉमी ऐसे प्वाइंट पर है, जहां सभी सेक्टर्स में निवेश के मौके हैं। मनीकंट्रोल से बातचीत में उन्होंने स्टॉक मार्केट्स और इनवेस्टमेंट को लेकर कई अहम बातें बताईं। उन्होंने कहा कि लंबी अवधि के निवेश के लिहाज से इंडिया बहुत स्ट्रॉन्ग दिख रहा है। शॉर्ट टर्म में गिरावट के मौके का इस्तेमाल खरीदारी के लिए किया जा सकता है। अगर इंडियन इकोनॉमी का प्रदर्शन आगे अच्छा रहता है तो अगले 5 से 7 साल में कंपनियों के लिए यहां बड़े मौके होंगे। सभी सेक्टर में निवेश के मौके होंगे। उन्होंने डायवर्सिफिकेशन पर भी जोर दिया। मनीकंट्रोल ने उनसे यह भी पूछा कि अगर आज किसी निवेशक को 10 लाख रुपये का निवेश करना है तो उसे कहां इस पैसे को लगाने पर सबसे ज्यादा फायदा होगा?
म्यूचुअल फंड्स में निवेश से लंबी अवधि में बनेगा पैसा
हेरदिया ने कहा कि आज म्यूचुअल फंड निवेश का सबसे आसान और फायदेमंद माध्यम बन गया है। आज लोग फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस ट्रेडिंग और क्रिप्टो पर पैसे लगाने के मुकाबले म्यूचुअल फंड्स में ज्यादा पैसे लगा रहे हैं। ऐसे में मेरा मिशन ज्यादा से ज्यादा लोगों को म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने के लिए प्रेरित करना है। AMFI का फोकस भी ज्यादा लोगों को म्यूचुअल फंड्स में निवेश के लिए आकर्षित करना है। आज से 10 साल पहले म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 10 लाख करोड़ रुपये था। पांच साल पहले यह 20 लाख करोड़ रुपये था। अब यह 49 लाख करोड़ रुपये हो गया है। एक दिन यह 100 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा।
10 लाख रुपये के निवेश के लिए स्ट्रेटेजी
आज 10 रुपये का निवेश कहां करने में सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि म्यूचुअल फंड की एक कैटेगरी में पिछले 6 से 9 महीनों में लोगों की दिलचस्पी बहुत बढ़ी है। यह है मल्टी एसेट फंड। लंबी अवधि के निवेशकों के लिए यह कैटेगरी बहुत अट्रैक्टिव है। दूसरा है फिक्स्ड इनकम। इसकी वजह यह है कि इंटरेस्ट रेट अपने सबसे हाई लेवल पर पहुंच चुका है। अगर अगले साल इंटरेस्ट रेट में कमी नहीं की जाती है तो अगले दो-तीन साल में इसमें कमी होना तय है। ऐसे में फिक्स्ड इनकम में निवेश फायदेमंद लगता है। तीसरा है गोल्ड, क्योंकि पिछले दो महीनों में डॉलर कमजोर हुआ है। ऐसे में गोल्ड की चमक बढ़ी है। अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व अगले साल या उसके बाद इंटरेस्ट रेट में कमी करेगा। तब गोल्ड इनफ्लेशन के असर से बचने के लिए सबसे अट्रैक्टिव हेज बन जाएगा।
डायवर्सिफिकेशन का ध्यान रखना है जरूरी
हेरदिया ने कहा कि मल्टी-एसेट फंड स्टॉक्स, डेट और गोल्ड में इनवेस्ट करता है। यह जरूरत के हिसाब से इन एसेट्स में निवेश घटाता और बढ़ाता रहता है। इसलिए हर वक्त वह जरूरत के हिसाब से अपना एलोकेशन मेंटेन करता है। इसलिए अगर किसी के पास आज 10 लाख रुपये हैं तो इसका बड़ा हिस्सा मल्टी एसेट फंड में निवेश करना ठीक रहेगा। इनवेस्टमेंट को डायवर्सिफाय करने के लिए गोल्ड में निवेश करना जरूरी है। आप मल्टी-एसेट फंड्स और गोल्ड सॉवरेन बॉन्ड में निवेश का फैसला कर सकते हैं। आपके पोर्टफोलियो में गोल्ड की हिस्सेदारी कम से कम 5-10 फीसदी होनी चाहिए। बाकी पैसा आप स्टॉक्स में लगा सकते हैं। आपको मल्टी-कैप या फ्लेक्सी कैप में सिस्टमैटिक निवेश को जारी रखना होगा। 2044 के लिए यह मेरा निवेश मंत्र है।