Sukanya Samriddhi Yojana: हर महीने ₹2000 जमा करने पर कुल कितना पैसा मिलेगा? समझिए पूरा कैलकुलेशन
Sukanya Samriddhi Yojana: सुकन्या समृद्धि योजना में अगर हर महीने ₹2,000 जमा किए जाएं, तो 21 साल बाद कितना पैसा मिलेगा? समझिए ब्याज दर, कुल निवेश और मैच्योरिटी अमाउंट का पूरा कैलकुलेशन।
निवेश की रकम के हिसाब से सुकन्या समृद्धि योजना में मैच्योरिटी अमाउंट भी बदलता है।
Sukanya Samriddhi Yojana: केंद्र सरकार की सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) आज बेटियों के भविष्य को सुरक्षित करने वाली सबसे भरोसेमंद सरकारी स्कीमों में गिनी जाती है। इस योजना में निवेश पर मिलने वाला ब्याज और मैच्योरिटी अमाउंट पूरी तरह गारंटीड होता है। माता-पिता इस स्कीम के जरिए बेटी की पढ़ाई, करियर और शादी के लिए पहले से मजबूत फाइनेंशियल प्लान तैयार कर सकते हैं।
इस योजना की खास बात यह है कि इसमें न सिर्फ अच्छा रिटर्न मिलता है, बल्कि टैक्स छूट और टैक्स-फ्री मैच्योरिटी का भी फायदा मिलता है। आइए जानते हैं कि आप हर महीने सुकन्या समृद्धि अकाउंट में 2000 रुपये डालते हैं, तो मैच्योरिटी पर कितना पैसा मिलेगा।
सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश कैसे होता है
सुकन्या समृद्धि योजना में खाता केवल 10 साल से कम उम्र की बेटी के नाम पर ही खोला जा सकता है। आप इस खाते में सालाना न्यूनतम ₹250 और अधिकतम ₹1.5 लाख तक जमा कर सकते हैं। निवेश केवल 15 साल तक करना होता है, जबकि खाता 21 साल तक चलता है। यानी आखिरी के 6 साल में आपको कोई निवेश नहीं करना होगा और ब्याज बढ़ता रहेगा।
फिलहाल इस योजना पर 8.2% सालाना ब्याज मिल रहा है। इसे केंद्र सरकार हर तिमाही तय करती है। इस स्कीम में निवेश पर टैक्स छूट मिलती है और मैच्योरिटी पर मिलने वाला पूरा अमाउंट टैक्स-फ्री होता है।
₹5000 मंथली निवेश पर कितना मिलेगा पैसा
अगर कोई अभिभावक सुकन्या समृद्धि योजना में हर महीने ₹2,000 जमा करता है, तो सालाना निवेश ₹24,000 होगा। यह निवेश 15 साल तक करना होता है, यानी 15 साल में कुल जमा रकम ₹3.6 लाख बनेगी।
मान लेते हैं कि औसत ब्याज दर 8.2% सालाना रहती है और कंपाउंडिंग सरकारी नियमों के मुताबिक होती है। इस हिसाब से 15 साल तक निवेश करने और कुल 21 साल की अवधि पूरी होने पर मैच्योरिटी अमाउंट करीब ₹9.6 लाख से ₹10 लाख के बीच बनता है।
ध्यान देने वाली बात यह है कि 16वें साल से 21वें साल तक कोई नया पैसा जमा नहीं करना पड़ता, लेकिन पहले से जमा रकम पर ब्याज जुड़ता रहता है। इसी वजह से कुल निवेश ₹3.6 लाख होने के बावजूद मैच्योरिटी पर रकम लगभग तीन गुना के आसपास पहुंच जाती है।
कम या ज्यादा निवेश पर कितनी बनेगी रकम
निवेश की रकम के हिसाब से सुकन्या समृद्धि योजना में मैच्योरिटी अमाउंट भी बदलता है। अगर कोई अभिभावक हर महीने ₹1,000 जमा करता है, तो 21 साल बाद मैच्योरिटी पर उसे करीब ₹4.8 से ₹5 लाख तक मिल सकते हैं।
वहीं ₹3,000 मंथली निवेश करने पर करीब ₹14.5 से ₹15 लाख, ₹4,000 महीने के निवेश पर लगभग ₹19 से ₹20 लाख मिलेंगे। अगर ₹5,000 मंथली निवेश करते हैं, तो 21 साल बाद करीब ₹24 से ₹25 लाख तक की रकम तैयार हो सकती है।
अलग-अलग अवधि में बैलेंस कैसे बढ़ता है
अगर सुकन्या समृद्धि योजना में सालाना ₹60,000 यानी हर महीने ₹5,000 का निवेश किया जाए, तो पहले साल के अंत में ब्याज जुड़ने के बाद बैलेंस करीब ₹64,800 हो जाता है। निवेश जारी रहने पर 5 साल में यह रकम बढ़कर लगभग ₹3.6 लाख पहुंच जाती है।
10 साल पूरे होने पर बैलेंस करीब ₹8.75 लाख के आसपास हो जाता है, जबकि 15 साल के निवेश के बाद यह रकम लगभग ₹19.8 लाख तक पहुंच जाती है। इसके बाद निवेश भले ही बंद हो जाए, लेकिन ब्याज मिलता रहता है और 21 साल पूरे होने पर मैच्योरिटी अमाउंट बढ़कर करीब ₹24.5 लाख तक पहुंच जाता है।
पैसा कब निकाला जा सकता है
सुकन्या समृद्धि योजना में पूरा पैसा खाता खुलने के 21 साल बाद मिलता है। हालांकि, अगर बेटी 18 साल की हो जाती है और पढ़ाई के लिए पैसों की जरूरत होती है, तो खाते में जमा रकम का 50% हिस्सा पहले ही निकाला जा सकता है। बाकी राशि मैच्योरिटी पर मिलती है।
सुकन्या समृद्धि योजना क्यों है खास
सुकन्या समृद्धि योजना पूरी तरह सरकारी गारंटी वाली स्कीम है, इसलिए इसमें जोखिम लगभग न के बराबर होता है। इसकी ब्याज दर एफडी और कई दूसरी सेविंग स्कीमों से ज्यादा रहती है। टैक्स छूट और टैक्स-फ्री मैच्योरिटी इसे और आकर्षक बनाती है। सबसे बड़ी बात यह है कि यह योजना बेटियों की पढ़ाई और शादी के लिए समय पर एक सुनिश्चित फंड तैयार करने में मदद करती है।