सरकार की ओर से खास तौर पर महिलाओं और बच्चियों को ध्यान में रखते हुए शुरू की गईं दो सेविंग्स स्कीम वर्तमान में मौजूद हैं। एक है सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Scheme) और दूसरी है महिला सम्मान बचत पत्र (Mahila Samman Savings Certificate)। सुकन्या समृद्धि योजना को जनवरी 2015 में लागू किया गया था और यह लगातार जारी है। वहीं महिला सम्मान सेविंग्स सर्टिफिकेट को अप्रैल 2023 में 2 साल के लिए शुरू किया गया था। यह स्कीम 31 मार्च, 2025 तक ही वैलिड है।
ये दोनों स्कीम्स मुख्य रूप से महिलाओं और लड़कियों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए लाई गई हैं। हालांकि, इनके उद्देश्य और फायदे अलग-अलग हैं। आइए जानते दोनों स्कीम्स के बारे में डिटेल..
सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) में माता-पिता अपनी 10 वर्ष तक की आयु की बच्ची के नाम पर खाता खोल सकते हैं। खाता मैक्सिमम दो बच्चियों के नाम पर खोला जा सकता है और एक बच्ची के नाम पर एक ही खाता खुलता है। जुड़वां बच्चियों के मामले में यह तीन बच्चियों तक के लिए खुलवाया जा सकता है। अगर किसी की पहले से एक बच्ची है और बाद में जुड़वां बच्चियां पैदा हुईं या फिर पहले ही जन्म में पैदा हुई 3 बच्चियों के मामले में यह नियम लागू होगा। इस स्थिति में जुड़वां बच्चे होने का सबूत देना होगा।
सुकन्या समृद्धि योजना के तहत बच्ची का अकाउंट केवल भारत के स्थानीय निवासी ही खुलवा सकते हैं। ऐसा व्यक्ति जो भारत का निवासी है लेकिन किसी और देश में रहता है, वह इस योजना का फायदा नहीं ले सकता। इस स्कीम में खाता पोस्ट ऑफिस के अलावा बैंकों में भी खुलवाया जा सकता है।
SSY अकाउंट को मिनिमम 250 रुपये से शुरू कर सकते हैं। इसमें एक वित्त वर्ष में मिनिमम जमा 250 रुपये और मैक्सिमम 1.5 लाख रुपये तय की गई है। वर्तमान में इस स्कीम में ब्याज दर 8.2% सालाना है। अकाउंट को जरूरत पड़ने पर एक बैंक ब्रांच से दूसरे ब्रांच, एक बैंक से दूसरे बैंक, एक डाकघर से दूसरे डाकघर, बैंक से डाकघर और डाकघर से बैंक में ट्रांसफर किया जा सकता है।
SSY में मैक्सिमम 15 साल तक निवेश किया जा सकता है। अकाउंट को लड़की के 21 साल का होने के बाद ही बंद किया जा सकता है। हालांकि बच्ची के 18 साल की होने पर उसकी शादी होने पर नॉर्मल प्रीमैच्योर क्लोजर की इजाजत है। 18 साल की उम्र के बाद बच्ची SSY अकाउंट से आंशिक तौर पर कैश निकासी कर सकती है। निकासी की सीमा पिछला वित्त वर्ष खत्म होने पर अकाउंट में मौजूद बैलेंस का 50 प्रतिशत तक है।
बच्ची की ओर से मूल या कानूनी अभिभावक खाता खोल सकते हैं। इसका मतलब है कि अगर किसी ने बच्ची गोद ली है तो वह भी उसके लिए सुकन्या समृद्धि अकाउंट खुलवा सकता है। जमाकर्ता अभिभावक की मृत्यु होने पर या फिर किसी गंभीर बीमारी के इलाज के लिए इस अकाउंट को समय से पहले बंद कराया जा सकता है यानि पैसा निकाला जा सकता है।
सुकन्या समृद्धि योजना के तहत आप या तो एक बार में या फिर थोड़ा-थोड़ा करके किश्तों में कभी भी पैसा जमा कर सकते हैं। नंबर ऑफ डिपॉजिट पर कोई सीमा नहीं है। SSY में जमा की जाने वाली रकम पर आयकर कानून के सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है। इसके अलावा जमा रकम पर आने वाला ब्याज और मैच्योरिटी पीरियड पूरा होने पर मिलने वाला पैसा भी टैक्स फ्री है।
महिला सम्मान सेविंग्स सर्टिफिकेट
यह स्कीम भी देश के सभी 1.59 लाख डाकघरों में उपलब्ध है। इस योजना के तहत 7.5 प्रतिशत ब्याज दर पर निवेश किया जा सकता है। स्कीम वर्तमान में 2 साल के मैच्योरिटी पीरियड के साथ है। स्कीम के तहत कोई महिला अपने लिए या गार्जियन नाबालिग लड़की के नाम पर निवेश कर सकते हैं। एक अकाउंट में निवेश की मिनिमम लिमिट 1000 रुपये है। वहीं मैक्सिमम लिमिट 2 लाख रुपये है। अगर किसी एक अकाउंट होल्डर के नाम पर एक से ज्यादा महिला सम्मान सेविंग्स सर्टिफिकेट अकाउंट हैं तो 2 लाख रुपये की लिमिट सभी अकाउंट्स में जमा को मिलाकर होगी।
एक अकाउंट खोलने के बाद दूसरा नया अकाउंट खोले जाने के बीच में 3 महीने का गैप होना जरूरी है। स्कीम में आंशिक निकासी का विकल्प भी है। खाता खोलने की तारीख से एक वर्ष के बाद बैलैंस का 40% निकाला जा सकता है। अकाउंटहोल्डर की मौत, जानलेवा बीमारी होने, गार्जियन की मौत होने के मामले में अकाउंट के प्रीक्लोजर यानि इसे वक्त से पहले बंद करने की इजाजत है। इसके अलावा अकाउंट ओपनिंग के 6 महीने बाद भी इसे बिना कोई कारण बताए बंद किया जा सकता है। लेकिन प्रीमैच्योर क्लोजर पर ब्याज 2 प्रतिशत घटकर मिलेगा।