अक्सर माता-पिता को लगता है कि सुकन्या समृद्धि योजना या एनपीएस वात्सल्य योजना जैसी स्कीमें उनके बच्चों का भविष्य आर्थिक रूप से सुरक्षित कर देंगी। इन योजनाओं में 21 साल बाद 69 लाख रुपये या 1.4 करोड़ रुपये जैसे बड़े आंकड़े दिखाए जाते हैं। लेकिन क्या ये आंकड़े वास्तव में उतने ही फायदेमंद होते हैं?
फाइनेंशियल प्लानर गौरव मुंधड़ा ने हाल ही में एक LinkedIn पोस्ट में इस पर ध्यान खींचा। वह Etica Wealth के एसोसिएट पार्टनर और S&P Financial Services के को-फाउंडर हैं और 1,000 से अधिक परिवारों की आर्थिक योजना बनाते हैं। उनके मुताबिक लोग इन योजनाओं के बड़े नंबर देखकर खुश हो जाते हैं, लेकिन महंगाई (Inflation) का असर नहीं समझते।
महंगाई कैसे खत्म करती है असली वैल्यू?
मुंधड़ा बताते हैं कि सुकन्या समृद्धि योजना में 69 लाख रुपये मिल सकते हैं, लेकिन 21 साल की महंगाई को समझते हुए इसकी आज की असली कीमत लगभग 17 लाख रुपये रह जाती है। इसी तरह, NPS वात्सल्य योजना में 1.4 करोड़ रुपये का वादा है, लेकिन रिटायरमेंट पर आपको एकमुश्त केवल 35 लाख रुपये मिलते हैं, जिसकी आज की वैल्यू केवल 8.4 लाख रुपये के बराबर है। अब खुद सोचिए, क्या 20 साल बाद 8 लाख या 17 लाख रुपये आपके बच्चे की शिक्षा या शादी के लिए काफी रहेंगे।
गौरव मुंधड़ा के अनुसार Children Mutual Funds एक बेहतर विकल्प हो सकते हैं। अगर आप 12% की सालाना रिटर्न मानें, तो यह फंड 1.4 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है, जो टैक्स के बाद भी लगभग 1.2 करोड़ रुपये बनेगा।
अगर इसे आज की कीमतों में देखें, तो ये करीब 34 लाख रुपये के बराबर होगा। इसके अलावा इसमें लचीलापन भी है – आप चाहें तो 21 साल की उम्र पर 17 लाख रुपये निकालें और फिर 26 की उम्र में 34 लाख रुपये।
महंगाई का सीधा असर आपकी खरीदने की ताकत (Purchasing Power) पर होता है। जैसे आज 500 रुपये में आप जो सामान खरीद सकते हैं, वही सामान आने वाले कुछ सालों में महंगा हो जाएगा, और 500 रुपये में कम चीजें मिलेंगी।
थोड़ी महंगाई अर्थव्यवस्था के लिए ठीक होती है, लेकिन जब महंगाई तेजी से बढ़ती है, तो आम लोगों के लिए मुश्किल हो जाता है। बच्चों के भविष्य के लिए निवेश करना बहुत जरूरी है, लेकिन बिना महंगाई को ध्यान में रखे की गई योजना भविष्य में निराशा भी दे सकती है। इसलिए, योजनाओं की असली वैल्यू को समझें और उस हिसाब से निवेश करें।
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