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सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला! सिर्फ प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन से नहीं बन सकते मालिक, जानिये नए नियम

Property: अगर आप प्रॉपर्टी खरीदने की सोच रहे हैं तो यह न समझें कि सिर्फ रजिस्ट्री से आप मालिक बन सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन को लेकर एक अहम फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से प्रॉपर्टी खरीदने वाले और रियल एस्टेट एजेंट दोनों चौंक गए हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Jun 23, 2025 पर 6:04 PM
सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला! सिर्फ प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन से नहीं बन सकते मालिक, जानिये नए नियम
सुप्रीम कोर्ट ने प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन को लेकर एक अहम फैसला सुनाया है।

Property: अगर आप प्रॉपर्टी खरीदने की सोच रहे हैं तो यह न समझें कि सिर्फ रजिस्ट्री से आप मालिक बन सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन को लेकर एक अहम फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से प्रॉपर्टी खरीदने वाले और रियल एस्टेट एजेंट दोनों चौंक गए हैं। इस फैसले में कोर्ट ने कहा कि किसी प्रॉपर्टी का सिर्फ रजिस्ट्रेशन हो जाना मालिकाना हक (Ownership) का सबूत नहीं है। इससे प्रॉपर्टी से जुड़े धोखाधड़ी के मामलों पर रोक लग सकती है, लेकिन साथ ही खरीदारों को पहले से ज्यादा सतर्क रहना होगा। कोई भी प्रॉप्रर्टी खरीदने से पहले ये चेक कर लें कि पूरी ओनरशिप चेन कानूनी है या नहीं। सारे जरूरी डॉक्यूमेंट देखने के बाद ही कोई फैसला लें।

क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?

यह मामला तेलंगाना की एक जमीन से जुड़ा था। 1982 में एक कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी ने यह जमीन बिना रजिस्टर्ड एग्रीमेंट के खरीदी थी। बाद में सोसायटी ने यह जमीन आगे बेच दी। बाद में जिन लोगों ने यह जमीन खरीदी, उन्होंने कोर्ट में दावा किया कि वे उसके मालिक हैं क्योंकि उनके पास रजिस्टर्ड पेपर्स हैं और जमीन पर कब्जा भी है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर बेसिक सेल एग्रीमेंट (sale agreement) रजिस्टर्ड नहीं है, तो बाद में होने वाला रजिस्ट्रेशन या कब्जा भी मालिकाना हक साबित नहीं कर सकता।

क्यों नहीं है सिर्फ रजिस्ट्रेशन ही काफी?

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