टाटा समूह ने अहमदाबाद प्लेन क्रैश में मारे गए लोगों के परिवार के लिए बड़े मुआवजे का ऐलान किया है। इंडिया के सबसे बड़े कारोबारी समूह ने कहा है कि हादसे के शिकार हर व्यक्ति के परिवार को 1 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। हालांकि, यह पैसा टाटा समूह और एयर इंडिया को अपनी जेब से नहीं देना पड़ेगा। बताया जाता है कि यह पैसा न्यू इंडिया एश्योरेंस और टाटा एआईजी को देना पड़ेगा। इसकी वजह यह है कि दोनों कंपनियां एयर इंडिया के प्लेन को इंश्योरेंस कवर देती हैं। मामले से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी।
एयर इंडिया का 20 अरब डॉलर का इंश्योरेंस कवर
खबरों के मुताबिक, Air India ने अपने विमानों के लिए 20 अरब डॉलर का इंश्योरेंस कवर लिया है। विस्तार के विलय के बाद एयर इंडिया के विमानों की संख्या बढ़कर 300 हो गई है। इन विमानों के इंश्योरेंस के लिए कंपनी ने 2023-24 में 3 करोड़ डॉलर यानी करीब 246 करोड़ रुपये का प्रीमियम चुकाया था। प्रीमियम का यह अमाउंट नहीं बढ़ा है। हालांकि, बीमा कवर 10 अरब डॉलर से बढ़कर 20 अरब डॉलर हो गया है। आम तौर पर घरेलू इंश्योरेंस कंपनियां जहाजों के बीमा का कुछ हिस्सा तो खुद करती हैं और बाकी विदेशी रीइंश्योरेंस कंपनियों से कराती हैं।
इंश्योरेंस ज्यादा हिस्सा विदेशी इंश्योरेंस कंपनियां कवर करती हैं
सूत्रों ने बताया कि हल क्लेम (hull claim) का करीब 5 फीसदी हिस्सा इंडियन इंश्योरेंस कंपनी GIC Re वहन करेगी, जबकि रिस्क को विदेशी रीइंश्योरेंस कंपनियां कवर करेंगी। इसमें सबसे ज्यादा रिस्क AIG London कवर कर सकती है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि एविएशन में इंश्योरेंस कवर के दो हिस्से होते हैं। पहला, हल इंश्योरेंस होता है, जबकि दूसरा पैसेंजर लायबिलिटी होती है। हल कवर का मतलब उस पैसे से है, जो हादसे में एयरक्राफ्ट को हुए नुकसान के लिए एयरलाइंस कंपनी को मिलता है।
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अहमदाबाद में क्रैश हुए प्लेन की वैल्यू 2-30 करोड़ डॉलर लगाई जा सकती है
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अहमदाबादा में क्रैश हुए बोइंग के 787-8 ड्रीमलाइनर की वैल्यू 20-30 करोड़ डॉलर लगाई जा सकती है। इंश्योरेंस ब्रोकर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IBAI) के प्रेसिडेंट नरेंद्र भरींदवाल ने कहा कि यूरोप के देशों के लिए पैसेंजर लायबिलिटी आम तौर पर 40 करोड़ डॉलर से ज्यादा होती है। पैंसेंजर लायबिलिटी थर्ड पार्टी लायबिलिटी के तहत आती है। इसमें यात्री की मौ या उसके घायल होने पर मुआवजा दिया जाता है। इसके अलावा यात्री के समान गुम हो जाने पर भी उसे मुआवजा मिलता है। यह Montreal Convention और इंडिया के Carriage by Air Act के तहत मिलता है।
ट्रेवल इंश्योरेंस होने पर भी मृतक के परिवार को मिलते हैं पैसे
एक्सपर्ट्स का कहना है कि छुट्टियां मनाने और किसी काम से विदेश जाने वाले लोग अक्सर ट्रैवल इंश्योरेंस खरीदते हैं। इससे प्लेन क्रैश करने पर उन्हें सीधे बीमा कंपनी से मुआवजा मिलता है। पॉलिसीबाजार में ट्रेवल इंश्योरेंस के हेड मीत कपाड़िया ने कहा, "अगर अहमदाबाद प्लैन क्रैश जैसे किसी हादसे में यात्री की मौत हो जाती है तो ट्रेवल इंश्योरेंस कंपनी उसके परिवार को बीमा कवर के पैसे देती है। अगर सम इंश्योर्ड 1,50,000 डॉलर है तो व्यक्ति के परिवार के सदस्य को 10 से 15 लाख रुपये मिल जाते हैं। इससे मृतक के परिवार को काफी राहत हो जाती है।"