क्या विदेश जाने से पहले इनकम टैक्स क्लियरेंस सर्टिफिकेट (आईटीसीसी) लेना होगा? इसका जवाब 'ना' है। वित्तमंत्रालय ने इस बारे में स्थिति स्पष्ट की है। उसने कहा है कि हर व्यक्ति को विदेश जाने के लिए आईटीसीसी लेने की जरूरत नहीं है। मंत्रालय ने इस बारे में 20 अगस्त को बयान जारी किया। इसमें सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (सीबीडीटी) की तरफ से बताया गया कि यह जानकारी गलत है कि हर इंडियन सिटीजन को देश छोड़ने से से पहले आईटीसीसी हासिल करना होगा।
कुछ खास इंडिविजुअल्स पर लागू होगा यह नियम
सीबीडीटी ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 230 के तहत हर नागरिक के लिए इंडिया से बाहर जाने के लिए टैक्स क्लियरेंस सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है। यह सर्टिफिकेट कुछ साल इंडिविजुअल्स के लिए जरूरी है, जिन पर अलग तरह की स्थितियां लागू होती हैं। इस साल पेश यूनियन बजट में इडिया से किसी दूसरे देश जाने वाले नागरिकों के लिए इमिग्रेशन नियमों में बदलाव का प्रस्ताव पेश किया गया था।
इन स्थितियों में लेना होगा सर्टिफिकेट
सीबीडीटी के मुताबिक, इंडिया में रहने वाले लोगों को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 230(1ए) के तहत कुछ स्थितियों में टैक्स क्लियरेंस सर्टिफिकेट लेना होगा। ये स्थितियां निम्नलिखित हैं: पहला, अगर किसी इंडिविजुअल का पैसों के घोटाले का इतिहास है और अगर इनकम टैक्स एक्ट या वेल्थ टैक्स एक्ट के तहत ऐसे मामलों से जुड़ी सुनवाई में उसकी मौजूदगी जरूरी है तो टैक्स अथॉरिटीज टैक्स डिमांड का रिक्वेस्ट कर सकता है। दूसरा, अगर किसी टैक्सपेयर पर 10 लाख रुपये का डायरेक्ट टैक्स बकाया है, जिसके जुर्माना, पेनाल्टी और इंटरेस्ट पर कोर्ट रोक नहीं लगा सकता है।
यह भी पढ़ें: FASTag में बैलेंस का झंझट खत्म, टोला प्लाजा पर नहीं रुकेगी गाड़ी, RBI ने बना दिया यह नियम
फाइनेंस बिल, 2024 में शामिल किया गया प्रस्ताव
हाल में पेश फाइनेंस (नंबर 2) बिल, 2024 के मुताबिक, सीबीडीटी ने ब्लैक मनी एक्ट, 2015 पर भी विचार किया है। इसलिए इस एक्ट के रेफरेंस को लिस्ट ऑफ एक्ट्स में शामिल करने की सलाह दी गई है, जिसमें किसी इंडिविजुअल को टैक्स क्लियरेंस सर्टिफिकेट लेने की औपचारिकता पूरा करना जरूरी है।