प्रॉपर्टी बेचने पर कैपिटल गेन टैक्स से छूट सिर्फ 10 करोड़ रुपये तक पर ही मिलेगी, निर्मला सीतारमण ने नियम में बदलाव किया

एक्सपर्ट्स का कहना है कि प्रॉपर्टी की बिक्री पर कैपिटल गेंस टैक्स से छूट के नियमों में बदलाव का असर लग्जरी प्रॉपर्टी मार्केट पर पड़ेगा। टैक्स की वजह से अब इनवेस्टर्स के पास दोबारा घर खरीदने के लिए ज्यादा पैसे नहीं बचेंगे

अपडेटेड Feb 07, 2023 पर 12:00 PM
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इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 54 के तहत अगर किसी घर को बेचने के बाद कैपिटल गेन को दोबारा दूसरे घर को खरीदने में इस्तेमाल कर दिया जाता है तो टैक्स बेनेफिट मिलता है।

पिछले कुछ सालों से रियल एस्टेट मार्केट्स में डिमांड बढ़ रही है। इसके चलते घरों की कीमतें बढ़ रही हैं। घरों की मांग बढ़ने में लोगों की बढ़ती इनकम और शहरीकरण का बड़ा हाथ है। इंडिया दुनिया के उन 10 बड़े मार्केट्स में शामिल है, जहां घरों की कीमतों में सबसे ज्यादा इजाफा देखने को मिला है। घर को बेचने पर होने वाले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स (Long Term Capital Gains Tax) को बचाने का प्रावधान इनकम टैक्स एक्ट (Income Tax Act) में है। इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 54 और 54F के तहत यह प्रावधान उपलब्ध है। इस प्रावधान का फायदा तब उठाया जा सकता है जब कोई व्यक्ति प्रॉपर्टी को बेचने के दो साल के अंदर नया घर खरीद लेता है। अगर व्यक्ति ने खुद घर बनवाया (Construction) है तो यह पीरियड 3 साल है। टैक्सपेयर जब भी कोई प्रॉप्रटी बेचता है तो उसे इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से पहले कैपिटल गेन अमाउंट को कैपिटल गेन अकाउंट में जमा करवाना पड़ता है।

अभी क्या है नियम?

इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 54 के तहत अगर किसी घर को बेचने के बाद कैपिटल गेन को दोबारा दूसरे घर को खरीदने में इस्तेमाल कर दिया जाता है तो टैक्स बेनेफिट मिलता है। सेक्शन 54F के तहत यह बेनेफिट तब मिलता है जब किसी लॉन्ग टर्म एसेट (रेजिडेंशियल हाउस को छोड़कर) को बेचने पर मिले पैसे का इस्तेमाल किसी घर को खरीदने में किया जाता है। अब तक टैक्स बचाने के लिए अमाउंट की कोई लिमिट नहीं थी। पूरे कैपिटल गेन पर टैक्स छूट मिलती थी अगर कैपिटल गेन या प्रॉपार्टी को बेचने से मिले पूरे पैसे का इस्तेमाल दूसरा घर खरीदने के लिए किया जाता था।


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यूनियन बजट 2023 में नियम में क्या बदलाव किया गया है?

यूनियन बजट 2023 में इस नियम में बदलाव करने का प्रस्ताव शामिल है। सरकार सिर्फ 10 करोड़ रुपये तक के कैपिटल गेंस पर ही यह टैक्स छूट देना चाहती है। इसे एक उदाहरण की मदद से आसानी से समझा जा सकता है। मान लीजिए अगर कोई व्यक्ति अपना घर बेचता है। इससे उसे 12 करोड़ रुपये कैपिटल गेन होता है तो उसे टैक्स बेनेफिट सिर्फ 10 करोड़ रुपये पर ही मिलेगा। उसे सेक्शन 54 के तहत 10 करोड़ रुपये या ज्यादा अमाउंट का इस्तेमाल दूसरे घर को खरीदने के लिए इस्तेमाल करना होगा। उसे 2 करोड़ रुपये पर टैक्स चुकाना होगा।

इसी तरह अगर कोई व्यक्ति कोई कमर्शियल प्रॉपर्टी बेचता है। इससे उसे 15 करोड़ रुपये Net Consideration होता है। उसका कैपिटल गेन 12 करोड़ रुपये है। वह कुल 15 करोड़ रुपये का इस्तेमाल घर खरीदने के लिए करता है। ऐसी स्थिति में उसे सिर्फ 10 करोड़ रुपये पर टैक्स बेनेफिट मिलेगा। 2 करोड़ रुपये पर उसे टैक्स चुकाना होगा।

नियम में बदलाव का क्या असर पड़ेगा?

नियम में संशोधन का मकसद टैक्स बचाने के मौके को घटाना है। इंडिया में रियल एस्टेट की मांग बढ़ाने में इस प्रावधान का काफी हाथ रहा है। इस नियम में बदलाव का असर लग्जरी रियल एस्टेट मार्केट पर पड़ सकता है। इसकी वजह यह है कि इनवेस्टर को अब ज्यादा टैक्स चुकाना पड़ेगा। इससे उसके पास फिर से इनवेस्ट करने के लिए ज्यादा पैसे नहीं बचेंगे।

(अभिषेक अनेजा सीए हैं। उन्हें इनकम टैक्स के मामलों में विशेषज्ञता हासिल है।)

Abhishek Aneja

Abhishek Aneja

First Published: Feb 07, 2023 11:06 AM

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