'बजट 2025 लोगों की ओर से, लोगों के लिए, लोगों का बजट; मिडिल क्लास की सुनी आवाज': वित्त मंत्री
टैक्स रेट में कमी पर बात करते हुए वित्त मंत्री ने कहा, 'यह नए टैक्स बिल की दिशा में पहला कदम है। हमने इस दर में कमी को लागू करने के लिए नए बिल का इंतजार नहीं किया; यह हमेशा से हमारा इरादा था।' टैक्सपेयर्स से मिले फीडबैक ने सुधारों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई
वित्त मंत्री ने कहा कि कुछ चीजें हैं, जिन पर कुछ समय से काम चल रहा है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने अब्राहम लिंकन की बात को दोहराते हुए आम बजट 2025-26 को ‘लोगों की ओर से, लोगों के लिए, लोगों का’ बजट बताया है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के साथ एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी टैक्स में कटौती के पूरी तरह सपोर्ट में थे, लेकिन ब्यूरोक्रेट्स को समझाने में वक्त लगा। वित्त मंत्री ने कहा, 'हमने मिडिल क्लास की आवाज सुनी है, जो ईमानदार करदाता होने के बावजूद अपनी आकांक्षाओं के पूरा न होने की शिकायत कर रहे थे।' उन्होंने इस बात पर रोशनी डाली कि बजट का उद्देश्य देश के व्यापक आर्थिक विकास को सपोर्ट करते हुए इन मांगों को पूरा करना है।
सीतारमण ने कहा, "कुछ चीजें हैं, जिन पर कुछ समय से काम चल रहा है। उनमें से एक यह विचार है कि डायरेक्ट टैक्स सरल और अनुपालन के लिए आसान होना चाहिए। इनकम टैक्स एक्ट की जटिल संरचना को सरल बनाने की जरूरत थी।"
सुधारों को आकार देने में टैक्सपेयर्स के फीडबैक का अहम रोल
उन्होंने यह भी कहा कि टैक्सपेयर्स से मिले फीडबैक ने सुधारों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सीतारमण के मुताबिक, "मैं जहां भी गई, लोगों ने मुझसे कहा- 'हम ईमानदार करदाता हैं, लेकिन क्या आप इस बारे में सोच सकते हैं कि आप हमारे लिए क्या कर सकते हैं?' मैंने प्रधानमंत्री से इस पर चर्चा की, जिन्होंने मुझे समाधान तलाशने का काम सौंपा। मंत्रालय के अंदर गहन काम और प्रधानमंत्री के साथ परामर्श के बाद, हमने ये सुधार पेश किए।"
भारत में टैक्सपेयर्स की कम संख्या पर सीतारमण ने कहा, "टैक्सेबल इनकम ब्रैकेट से बाहर के कई लोगों को इसके दायरे में आने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। जिन लोगों ने कभी टैक्स नहीं चुकाया है या अब इसके लिए पात्र हैं, उन्हें सिस्टम में लाया जाना चाहिए। हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि लोग टैक्स चुकाने के महत्व को समझें।"
टैक्स रेट में कमी पर बात करते हुए वित्त मंत्री ने कहा, "यह नए टैक्स बिल की दिशा में पहला कदम है। हमने इस दर में कमी को लागू करने के लिए नए बिल का इंतजार नहीं किया; यह हमेशा से हमारा इरादा था। नई व्यवस्था से पता चलता है कि दरें लगातार कम होंगी। इस बार, हमने टैक्स स्लैब के बीच ट्रांजिशन को आसान बना दिया है, और टैक्स रेट्स को अनुमानित रूप से 5 के मल्टीप्लाई में स्ट्रक्चर किया है।"
पीएम मोदी और उनकी सरकार ने हमेशा विभिन्न क्षेत्रों के लोगों की बात सुनी
केंद्रीय बजट 2025-26 में प्रमुख टैक्स रिफॉर्म्स पर सीतारमण ने कहा, "पीएम मोदी और उनकी सरकार ने हमेशा विभिन्न क्षेत्रों के लोगों की बात सुनी है, जिसमें उद्योग जगत के लीडर और आदिवासी जैसे कमजोर समूह के लोग भी शामिल हैं। जिस तरह राष्ट्रपति उनकी समस्याओं के समाधान के लिए उत्सुक थीं, उसी तरह पीएम मोदी भी सभी वर्गों की बात सुनते हैं। मुझे एक ऐसी सरकार का हिस्सा होने पर गर्व है, जो वास्तव में लोगों की आवाज सुनती है और उस पर प्रतिक्रिया देती है। यह कभी भी सिर्फ 'हमने आपकी बात सुनी है, लेकिन कुछ नहीं कर सकते' सरकार नहीं है; यह हमेशा 'हम कोई रास्ता निकाल लेंगे' सरकार है।"