रिटर्न में कंफ्यूजन, जानें आईटीआर फाइल करने का तरीका

बलवंत जैन का कहना है कि आईटीआर में टैक्स का पूराहिसाब देना जरुरी होता है।

अपडेटेड Jun 29, 2018 पर 1:05 PM
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31 जुलाई की तारीख भले ही दूर हो, लेकिन इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने जैसे महत्तवपूर्ण काम को आप हमारे यानी योर मनी के रहते लास्ट मिनट तक नही रख सकते। और इस लिए हम ये खास पेशकश लेकर आएं हैं योर मनी आपको बतायेगा इनकन टैक्स रिटर्न कैसे फाइल करते हैं और किसे, किस तरह का फार्म भरना चाहिए ये तमाम जानकारियां देंगें, जिसमें हमारा साथ देने के लिए मौजूद है टैक्स और इनवेस्टमेंट एक्सपर्ट बलवंत जैन।

बलवंत जैन का कहना है कि आईटीआर में टैक्स का पूराहिसाब देना जरुरी होता है। इसके जरिए एडवांस टैक्स, टीडीएस की जानकारी सरकार को देना जरूरी है। अगर कम टैक्स भरा तो आईटीआर टैक्स चुकाने का मौका मिलेगा। अगर टैक्स ज्यादा जमा तो रिफंड मांग सकते हैं। टैक्स की देनदारी नहीं तो रिटर्न भरना बेहतर है।

असेसमेंट ईयर 2018-19 के लिए नया आईटीआर फॉर्म लाया गया है। एक पेज के नए सहज आईटीआर फॉर्म में कई बदलाव किए गए है इन बदलावों के तहत सालाना 50 लाख रुपये तक की कमाई करने वाले व्यक्तिगत टैक्सपेयर्स को आईटीआर-1 फॉर्म भरना होगा। पहले की तुलना में फॉर्म में अब ज्यादा जानकारी देनी होगी। साथ ही एक मकान या ब्याज से आय का ब्यौरा देना होगा।

नया आईटीआर फॉर्म में टैक्सपेयर्स को सैलरी ब्रेक-अप बताना, बेसिक सैलरी, अन्य भत्तों की जानकारी देना, सैलरी के एवज में मुनाफा की जानकारी, टैक्सेबल अलाउंस की जानकारी, अतिरिक्त सुविधाओं का ब्यौरा, सेक्शन-16 के तहत डिडक्शन, मकान से किराए की जानकारी, संपत्ति पर स्थानीय अथॉरिटी को कितना टैक्स दिया, मकान खरीदने के लिए उधार ली गई रकम पर ब्याज का ब्यौरा और देरी से रिटर्न फाइलिंग के लिए फीस का ब्यौरा जैसे कई जानकारी देना जरुरी होगा।

नए आईटीआर फॉर्म में अब टैक्सपेयर्स को आईटीआर-1 में जेंडर की जानकारी देना जरूरी नहीं होगा। साथ ही नोटबंदी के बाद कैश डिपॉजिट की जानकारी नहीं देनी होगी क्योंकि आईटी विभाग ने फॉर्म से कॉलम हटा दिया है।

एनआरआई टैक्सपेयर्स को आईटीआर-2 फॉर्म भरना होगा। एनआरआई टैक्सपेयर्स को रिफंड के लिए विदेश में बैंक खाते की जानकारी देनी होगी। पहले भारत में बैंक खाते की जानकारी दी जा सकती थी।


कारोबारियों के लिए आईटीआर-4 फॉर्म के ज्यादा जानकारी देनी होगी। इसमें सभी तरह के लोन की जानकारी देनी होगी। फिक्स्ड असेट्स, कैपिटल अकाउंट की जानकारी देनी होगी। साथ ही जीएसटी ट्रांजैक्शन की जानकारी देनी होगी और जीएसटी नंबर, टर्नओवर बताना होगा। आईटी रिटर्न, जीएसटी रिटर्न को मैच किया जाएगा।

आईटी विभाग ने ई-फाइलिंग की भी छूट दी है। 80 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग पेपर फॉर्म भर सकते हैं। सालाना 5 लाख आय वाले पेपर रिटर्न दाखिल कर सकेंगे हालांकि पेपर रिटर्न से रिफंड का दावा नहीं कर पाएंगे।

MoneyControl News

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First Published: Jun 29, 2018 1:05 PM

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