GST काउंसिल 18 फरवरी को होने वाली अपनी बैठक में पान मसाला और रेत खनन जैसे कुछ संभावित टैक्स चोराी जैसे प्रोडक्ट्स और सेवाओं पर टैक्स लगाने के लिए मंत्रियों के समूह की अंतिम रिपोर्ट पर चर्चा और अनुमोदन कर सकती है। ओडिशा के वित्त मंत्री निरंजन पुजारी की अध्यक्षता में जीओएम ने अपनी अंतिम रिपोर्ट परिषद को सौंप दी है।
पान मसाला और चबाने वाले तंबाकू पर टैक्स चोरी रोकने की कोशिश
रिपोर्ट में पान मसाला, चबाने वाले तंबाकू और इसी तरह के उत्पादों पर चोरी को रोकने के लिए प्राथमिकता पर उपाय करने का सुझाव दिया गया है। हालांकि, GoM ने इन क्षेत्रों के लिए क्षमता आधारित टैक्सेशन निर्धारित नहीं किया है। इसके अलावा परिषद मशीनों के पंजीकरण, मशीन की डिटेल्स के साथ स्पेशल मंथली रिटर्न, इनपुट, क्लियरेंस, अनिवार्य ई-चालान, अनिवार्य ई-वे बिल, अनिवार्य फास्ट टैग / जीपीएस इंस्टालेशन, मैंडेटरी यूनीक आइडेंटिफिकेशन मार्किंग, सीसीटीवी इंस्टालेशन पर भी चर्चा कर सकती है।
क्या लिखा गया है रिपोर्ट में
रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि नकली चालान और धोखाधड़ी वाले निर्यात को रोकने के लिए इन वस्तुओं के निर्यात को केवल एक अंडरटेकिंग के जरिए इनपुट टैक्स क्रेडिट के रिफंड के लिए मंजूरी दी जाएगी। इसके अलावा इस रिपोर्ट में पान मसाला, गुटखा, चबाने वाली तंबाकू जैसे प्रोडक्ट्स पर लगने वाले वेलोरम टैक्स को स्पेसिफिक टैक्स बेस्ड लेवी में बदल दिया जाएगा। ताकी राजस्व के संग्रह को बढ़ाया जा सके।
सीमेंट सेक्टर को राहत के लिए करना होगा इंतजार
वहीं सीमेंट्स सेक्टर को जीएसटी दर में राहत के लिए अभी इंतजार करना होगा। ऐसा भी माना जा रहा है कि सीमेंट पर जीएसटी घटाने की वजह से रेवेन्यू का बहुत ज्यादा घाटा हो सकता है। जिस वजह से इस पर जीएसटी काउंसिल में सहमति बनने के काफी कम आसार नजर आ रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक सीमेंट पर जीएसटी दरों में कटौती की उम्मीद कम है।