इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ITR-1 से लेकर ITR-6 तक सभी फॉर्म e-filing पोर्टल पर उपलब्ध हैं। कई नौकरीपेशा सहित टैक्सपेयर अपना ITR भरना जल्दी शुरू कर देते हैं। लेकिन जल्दबाजी में रिटर्न भरना खासकर सैलरी वालों के लिए नुकसानदेह हो सकता है। आइए जानते हैं क्यों 15 जून से पहले ITR दाखिल करना ठीक क्यों नहीं है।
इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने का मुख्य उद्देश्य पूरे वित्तीय वर्ष में कमाई गई इनकम, कटौतियों और छूटों की जानकारी देना होता है। किसी भी साल 1 अप्रैल से 31 मार्च के बीच के वित्तीय लेनदेन का विवरण देना होता है। अब सवाल ये है कि क्या एक निर्धारित तिथि से पहले रिटर्न भरने पर आप पिछले पूरे वित्तीय वर्ष का विवरण दे पाएंगे?
सैलरी वालों के लिए 15 जून से पहले रिटर्न दाखिल करना क्यों नुकसानदायक है?
फॉर्म 16: यह महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट आसानी से और जल्दी से ITR भरने में मदद करता है। ज्यादातर कंपनियां हर साल 15 जून तक अपने कर्मचारियों को फॉर्म 16 देती हैं। यह फॉर्म इस बात का प्रमाण है कि सरकार को आपके वेतन से काटी गई टैक्स राशि जमा हो चुकी है। अगर आप जल्दी रिटर्न भरते हैं, तो संभावना है कि मार्च महीने का टीडीएस अभी विभाग के पास जमा नहीं हुआ होगा। कंपनियां टीडीएस जमा करती हैं और फिर विभाग उसे प्रोसेस कर रिकॉर्ड करता है, इसमें समय लगता है।
इन्कम्प्लीट इंफॉर्मेशन: टीडीएस मासिक जमा होता है, लेकिन फॉर्म 16 में दी गई समरी तिमाही होता है। कंपनी को पिछले साल काटे गए और जमा किए गए टैक्स का डिटेल्स सर्टिफाइड करने में समय लगता है।
अन्य डॉक्यूमेंट: फॉर्म 16 के अलावा, बैंक आमतौर पर पिछले वित्तीय वर्ष के लिए रिकरिंग और फिक्स्ड डिपॉजिट के ब्याज प्रमाण पत्र अप्रैल या मई के अंत तक जारी करते हैं। इसलिए, यदि कोई पहले ही अपना ITR दाखिल करता है, तो संभव है कि वे केवल अप्रैल से दिसंबर तक के नौ महीनों का ही डिटेल दे पाएंगे।
आईटीआर फाइल करने के के लिए जरूरी दस्तावेज
- बैंक इंवेस्टमेंट सर्टिफिकेट
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