फाइनेंशियल ईयर 2020-21 का इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की डेडलाइन बढ़ाकर दिसंबर 2021 कर दी गई थी। नौकरी करने वाले कई लोगों ने प्रोसेस पूरा कर लिया है। कुछ लोगों को अपने रिफंड (ITR Refund) का इंतजार है। रिफंड में देरी की एक आम वजह इनकम टैक्स के नए पोर्टल में तकनीकी दिक्कत थी। लेकिन, अब इसे दूर कर दिया गया है। अब रिफंड का काम तेजी से चल रहा है।
आईटीआर रिफंड में देरी की ये वजहें हो सकती हैं:
आईटीआर रिफंड के लिए टैक्सपेयर के बैंक अकाउंट का प्री-वैलिडेट होना जरूरी है। प्री-वैलिडेटेड बैंक अकाउंट के जरिए ई-वेरिफिकेशन, सेक्योर लॉग-इन, आईटीआई पासवर्ड चेंज जैसे काम भी किए जा सकते हैं। टैक्सपेयर के लिए यह चेक कर लेना जरूरी है कि बैंक अकाउंट में दिया गया मोबाइल नंबर और ईमेल वही हैं जो इनकम टैक्स फॉर्म में भरे गए हैं। मिसमैच की स्थिति में ई-फाइलिंग पोर्टल पर एक वार्निंग साइन दिखेगा।
आईटीआर को वेरिफाई करना जरूरी है। उसके बाद ही इसे वैलिड माना जाता है। इसे इलेक्ट्रॉनिक तरीके से वेरिफाय किया जा सकता है या आईटीआर-V की एक हस्ताक्षर की गई कॉपी बेंगलुरु की सेंट्रल प्रोसेसिंग सेंटर को भेजना जरूरी है। रिटर्न फाइल करने के 120 दिन के अंदर इसे वेरिफाई करना जरूरी है। इसे आधार के जरिए भी वेरिफाय किया जा सकता है। वेरिफाय होने के बाद आपके ई-मेल एड्रेस पर या मैसेज के जरिए इसके बारे में बता दिया जाएगा।
4. एडिशनल डॉक्युमेंट एंड एलिजिबिलिटी
कई बार रिफंड के प्रोसेस को आगे बढ़ाने के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को एडिशनल डॉक्युमेंट की जरूरत होती है। इस तरह के इश्यू के समाधान के लिए टैक्सपेयर फोन या पोस्ट के जरिए एसेसिंग ऑफिसर को कॉन्टैक्ट कर सकता है। दूसरी वजह यह हो सकती है कि टैक्सपेयर रिफंड के लिए एलिजिबल नहीं हो।
कैसे चेक करें आईटीआई स्टेटस?
1. https://eportal.incometax.gov.in/iec/foservices/#/login पर लॉग-इन करें
2.'माय अकाउंट' मेनू में 'रिफंड/डिमांड स्टेटस' पर क्लिक करें
3. वेब पेज पर आईटीआर रिफंड फेल्योर का डिटेल दिखेगा