ITR filing: बिलेटेड और रिवाइज्ड रिटर्न भरने की समयसीमा चूकने पर क्या होगा?

वित्त वर्ष 2023-24 (एसेसमेंट ईयर 2024-25) के लिए बिलेटेड और रिवाइज्ड इनकम टैक्स रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर 2024 है। इनकम टैक्स कानून के मुताबिक, अलग-अलग कैटेगरी के टैक्सपेयर्स के लिए ITR भरने की अलग-अलग तारीख होती है। हालांकि, सभी टैक्सपेयर्स के लिए बिलिटेड और रिवाइज्ड रिटर्न भरने की आखिरी तारीख एक ही होती है। कई टैक्सपेयर्स को यह पता नहीं है कि अगर वे 31 दिसंबर 2024 तक FY 2023-24 के लिए रिटर्न या रिवाइज्ड रिटर्न नहीं भरते हैं, तो क्या होगा

अपडेटेड Dec 19, 2024 पर 9:09 PM
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कोई टैक्सपेयर तब बिलेटेड रिटर्न फाइल करता है, जब वह समय पर रिटर्न भरने से चूक गया हो।

वित्त वर्ष 2023-24 (एसेसमेंट ईयर 2024-25) के लिए बिलेटेड और रिवाइज्ड इनकम टैक्स रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर 2024 है। इनकम टैक्स कानून के मुताबिक, अलग-अलग कैटेगरी के टैक्सपेयर्स के लिए ITR भरने की अलग-अलग तारीख होती है। हालांकि, सभी टैक्सपेयर्स के लिए बिलिटेड और रिवाइज्ड रिटर्न भरने की आखिरी तारीख एक ही होती है। कई टैक्सपेयर्स को यह पता नहीं है कि अगर वे 31 दिसंबर 2024 तक FY 2023-24 के लिए रिटर्न या रिवाइज्ड रिटर्न नहीं भरते हैं, तो क्या होगा।

बिलेटेड रिटर्न फाइलिंग की तारीख (31 दिसंबर 2024) चूकने पर क्या होगा?

कोई टैक्सपेयर तब बिलेटेड रिटर्न फाइल करता है, जब वह समय पर रिटर्न भरने से चूक गया हो। बिलेटेड रिटर्न पर 5,000 रुपये की पेनाल्टी देनी पड़ती है। यह पेनाल्टी तब भी देनी पड़ती है, जब कोई बकाया टैक्स राशि नहीं हो। हालांकि, बिलेटेड रिटर्न भी कोई पेनाल्टी नहीं देनी होगी अगर टैक्स योग्य इनकम छूट की बुनियादी सीमा 3 लाख से ज्यादा नहीं हो।

बॉम्बे चार्टर्ड एकाउंटेंट्स सोसायटी के सेक्रेटरी किंजल भूटा ने बताया, 'बिलेटेड रिटर्न टैक्सपेयर के लिए ITR फाइल करने, रिफंड क्लेम आदि के लिए आखिरी मौका है। अगर बिलेटेड रिटर्न फाइल नहीं किया जाता है, तो वह संबंधित एसेसमेंट ईयर के लिए इन दावों का हकदार नहीं होगा। बिलेटेड रिटर्न की समयसीमा खत्म होने के बाद सिर्फ अपडेटेड रिटर्न फाइल किया जा सकता है, बशर्ते टैक्स लाइबिलिटी का भुगतान करना है। इसके अलावा, अगर बिलेटेड रिटर्न नहीं फाइल किया जाता है, तो टैक्सपेयर को इनकम टैक्स विभाग द्वारा नोटिस भेजे जाने की स्थिति में पेनाल्टी, ब्याज समेत पूरी बकाया रकम का भुगतान करना होगा।'


वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बिलेटेड रिटर्न फाइल करने का एक नुकसान यह है कि टैक्सपेयर ओल्ड टैक्स रिजीम का विकल्प नहीं चुन सकते। ऐसा इसलिए, क्योंकि 1 अप्रैल 2023 (वित्त वर्ष 2023-24) से नई टैक्स रिजीम ही डिफॉल्ट टैक्स रिजीम है। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बिलेटेड रिटर्न, नई टैक्स रिजीम के तहत फाइल की जाएगी।

पुरानी टैक्स रिजीम के तहत टैक्सपेयर को कई तरह की छूट और कटौतियों का लाभ उठाने की सुविधा है, जबकि नई टैक्स रिजीम के तहत यह सुविधा उपलब्ध नहीं है। जाहिर तौर पर इन कटौतियों के जरिये टैक्सपेयर को अपनी टैक्स लाइबिलिटी कम करने में मदद मिलती है।

रिवाइज्ड रिटर्न फाइल करने की समयसीमा (31 दिसंबर 2024) चूकने पर क्या होगा?

रिवाइज्ड रिटर्न तब फाइल किया जाता है, तो किसी टैक्सपेयर को अपने मूल या बिलिटेड रिटर्न में गलतियों में सुधार करना होता है। ITR में फाइल की गई किसी भी तरह की गलती को सुधारा जा सका है। अगर टैक्सपेयर इनकम रिपोर्ट करने में नाकाम रहा है, कटौती क्लेम नहीं कर पाया है या बैंक खातों के बारे में उसने जानकारी नहीं दी है, तो रिवाइज्ड रिटर्न में इसे ठीक किया जा सकता है।

भूटा ने बताया, ' अगर टैक्सपेयर रिवाइज्ड रिटर्न फाइल करने की समयसीमा चूक गया है, तो फिर उस एसेसमेंट ईयरे के लिए रिवाइज्ड रिटर्न फाइल करने का दूसरा कोई उपाय नहीं है और न ही रिफंड या नुकसान क्लेम करने का प्रावधान नहीं है। इनकम टैक्स नियमों के मुताबिक, अपडेटेट रिटर्न फाइल किए जा सकते हैं। हालांकि, अपडेटेड रिटर्न ऐसी परिस्थितियों में फाइल किए जा सकते हैं, जहां टैक्सपेयर को नुकसान हुआ हो।'

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First Published: Dec 19, 2024 8:55 PM

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