NRI भाई से 20 लाख रुपये तक के गिफ्ट पर कोई टैक्स नहीं: इनकम टैक्स ट्राइब्यूनल

इनकम टैक्स अपीलेट ट्राइब्यूनल (ITAT) की मुंबई बेंच का कहना है कि प्रवासी भाई से मिले 20 लाख रुपये तक के गिफ्ट पर इनकम टैक्स नहीं लगेगा। ITAT के इस ऐतिहासिक फैसले से साफ है कि भारतीय टैक्स कानूनों में टैक्सपेयर्स के लिए रिश्तेदारों से मिलने वाले गिफ्ट पर छूट का प्रावधान है। इनकम टैक्स एक्ट के तहत किसी रिश्तेदार से मिलने वाले 50,000 रुपये से ज्यादा के गिफ्ट को 'अन्य स्रोतों से मिलने वाली आय' माना जाता है

अपडेटेड Aug 20, 2024 पर 6:35 PM
Story continues below Advertisement
इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 56(2) (x) के तहत भाई से मिलने वाले गिफ्ट पर टैक्स में छूट है।

इनकम टैक्स अपीलेट ट्राइब्यूनल (ITAT) की मुंबई बेंच का कहना है कि प्रवासी भाई से मिले 20 लाख रुपये तक के गिफ्ट पर इनकम टैक्स नहीं लगेगा। ITAT के इस ऐतिहासिक फैसले से साफ है कि भारतीय टैक्स कानूनों में टैक्सपेयर्स के लिए रिश्तेदारों से मिलने वाले गिफ्ट पर छूट का प्रावधान है।

इनकम टैक्स एक्ट के तहत किसी रिश्तेदार से मिलने वाले 50,000 रुपये से ज्यादा के गिफ्ट को 'अन्य स्रोतों से मिलने वाली आय' माना जाता है। लिहाजा, इस पर इनकम टैक्स की तय दरों के हिसाब से टैक्स काटा जाता है। हालांकि, कई मामलों में करीबी रिश्तेदारों से मिलने वाले गिफ्ट, मसलन शादियों या विरासत में मिली प्रॉपर्टी पर टैक्स की छूट होती है।

इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 56(2) (x) के तहत भाई से मिलने वाले गिफ्ट पर टैक्स में छूट है। इनकम टैक्स अपीलेट ट्राइब्यूनल ने सलाम नामक शख्स के मामले में टैक्स छूट संबंधी फैसला दिया, जिन्हें अपने भाई से गिफ्ट मिला था। हालांकि, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के ऑफिसर ने शुरू में इसे टैक्स योग्य इनकम माना था। इनकम टैक्स कमिश्नर ने अधिकारी के फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि टैक्सपेयर यह साबित करने में नाकाम रहा कि उन्हें यह रकम अपने भाई से मिली थी। इसके बाद सलाम ने ITAT में अपील दायर की थी।


गिफ्ट पाने वाले शख्स सलाम ने इस बात का सबूत पेश किया कि दुबई में रहने वाले उनके भाई ने यह गिफ्ट दिया था। सलाम ने बताया था कि उनके भाई पिछले 25 साल से दुबई में रह रहे हैं और वहां उनका बिजनेस है।

अपील के दौरान याचिकाकर्ता ने कहा कि उनके भाई ने यह रकम तीन चेक के जरिये बैंक ऑफ बड़ौदा और ICICI बैंक में ट्रांसफर की थी। अपनी बात के पक्ष में और सबूत पेश करने के लिए सलाम ने अपने प्रवासी भाई का बैंक स्टेटमेंट, पासपोर्ट और इनवेस्टर क्लास वीजा भी पेश किया था। यह गिफ्ट 26 अगस्त 2022 को दिया गया था।

ITAT के सदस्य प्रशांत महर्षि ने तमाम सबूतों के आधार पर फैसला सुनाते हुए कहा कि सलाम को मिले 20 लाख रुपये नॉन-टैक्सेबल इनकम हैं।

MoneyControl News

MoneyControl News

First Published: Aug 20, 2024 6:35 PM

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।