आज के वक्त में कई सारे लोग घर खरीदने के लिए होम लोन (Home Loan) का सहारा लेते हैं। इस वक्त कई सारे बैंक अपने ग्राहकों को काफी शानदार ऑफर्स पर होम लोन की पेशकश कर रहे हैं। भले ही होम लोन के एवज में आपके ऊपक मंथली ईएमआई का बोझ पड़ता है लेकिन होम लोन लेने पर आपको कई सारे फायदे भी मिलते हैं। इनमें सबसे बड़ा फायदा है इनकम टैक्स में कटौती का। बहुत कम लोगों को पता होता है कि होम लोन पर टैक्स कटौती का लाभ मिलता है।
होम लोन पर मिलता है टैक्स में छूट का बेनिफिट
साल 2020-21 में, सरकार ने ऐलान किया था होम लोन पर इनकम टैक्स की सभी ओल्ड रिजीम साल 2024 तक लागू हैं। टैक्स बेनिफिट देने के पीछे सरकार की मंशा लोगों के लिए घर को ज्यादा किफायती बनाना है। इसके अलावा टैक्स बेनिफिट से हाउसिंग इंडस्ट्री को भी काफी फायदा पहुंचता है जिस वजह से इकोनॉमी में भी अच्छा बूस्ट देखने को मिलता है।
प्रिंसिपल रिपेंमेंट पर मिलता है कटौती का लाभ
बता दें कि किसी भी होम लोन में ईएमआई के दो पार्ट होते हैं। इनमें पहला है प्रिंसिपल अमाउंट और दूसरा होता है ब्याज अमाउंट। इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80C की धारा के मुताबिक होम लोन के प्रिसिंपल रिपेंमेंट पर 1.5 लाख तक की टैक्स छूट का बेनिफिट मिलता है। हालांकि इस कटौती का दावा तभी किया जा सकता है जब किसी रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी को खरीदने या बनाने के लिए होम लोन लिया गया हो। बता दें कि पीएफ, इंश्योरेंस और फिक्स्ड डिपॉजिट जैसी योजनाओं में निवेश करते भी आप टैक्स में कटौती का फायदा उठा सकते हैं।
होम लोन के इंट्रेस्ट पर भी मिलता है टैक्स में कटौती का फायदा
इनकम टैक्स एक्ट की धारा 24 के तहत होम लेने वालों को एक फाइनेंशियल ईयर में भुगतान किए जाने वाले ब्याज पर भी 2 लाख रुपये तक की टैक्स छूट का लाभ मिलता है। हालांकि इस कटौती का दावा तभी किया जा सकता है जब किसी रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी को खरीदने या बनाने के लिए होम लोन लिया गया हो।
पहली बार घर खरीदने वालों के लिए कटौती
आयकर अधिनियम की धारा 80EEA के तहत, पहली बार घर खरीदने वाले होम लोन के लिए भुगतान किए जाने वाले ब्याज पर 1.5 लाख रुपये तक की कटौती का दावा कर सकते हैं। वहीं इनकम टैक्स की धारा 24 के तहत आप 2 लाख रुपये तक की कटौती का दावा कर सकते हैं। होम लोन के साथ खरीदे गए दूसरे घर पर भी आप 1.5 लाख रुपये तक हाउसिंग लोन टैक्स बेनिफिट प्राप्त कर सकते हैं। होम लोन ईएमआई के ब्याज वाले हिस्से पर धारा 80EE के तहत अधिकतम 50,000 रुपये की कटौती का दावा किया जा सकता है। यह कटौती आयकर अधिनियम की धारा 24(बी) के तहत ब्याज राशि पर दावा किए गए कटौती के अतिरिक्त है।