TDS Return Filing : अगर आपने टीडीएस रिटर्न फाइलिंग में देरी की तो आपको भारी भरकम फीस चुकानी पड़ेगी। निश्चित तारीख पर या उससे पहले टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (tax deducted at source) यानी TDS रिटर्न की फाइलिंग में किसी प्रकार की देरी पर आपको प्रति दिन 200 रुपये का लेट फाइलिंग फीस देनी पड़ती है। यह लेट फी रिटर्न फाइलिंग तक हर दिन चुकानी होगी। ऐसी भी संभावना है कि आपकी टीडीएस क्लेम से जुड़ी पूरी धनराशि ही लेट फाइलिंग फीस (late filing fees) के रूप में चली जाए।
लेट फीस के बाद लिया जाता है जुर्माना
ऐसे में रिटर्न भरते समय तो सबसे पहले आपसे देर होने को लेकर लेट फीस वसूला जाता है और उसके बाद जुर्माना लगता है। इस मामले में आयकर अधिकारी न्यूनतम 10 हजार रुपये से लेकर अधिकतम 1 लाख रुपये तक जुर्माना लगा सकते हैं। बिना लेट फीस भरे आप टीडीएस का रिटर्न नहीं दाखिल कर सकते और लेट फीस टीडीस की राशि से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
तारीख को लेकर न हों भ्रमित
इसलिए, अगर आप टीडीएस रिटर्न दाखिल करते समय लेट फीस और जुर्माने से बचना चाहते हैं तो समय से पहले इसे दाखिल करना न भूलें। तिमाही टीडीएस फाइल करने के लिए पहली निर्धारित तारीख 31 जुलाई, 2022 है। चूंकि, आयकर रिटर्न भरने की भी यही अंतिम तिथि होती है, लिहाजा कई करदाता इसे लेकर भ्रमित हो सकते हैं।
तिमाही रिटर्न की यह है लास्ट डेट
आपको यह जानकारी होनी चाहिए कि टीडीएस का रिटर्न हर तिमाही समाप्त होने के बाद आने वाले महीने की आखिरी तारीख तक भर जाना चाहिए। इसका मतलब हुआ कि अप्रैल-जून तिमाही का रिटर्न 31 जुलाई तक, जुलाई-सितंबर तिमाही का रिटर्न 31 अक्तूबर तक, अक्तूबर-दिसंबर तिमाही का रिटर्न 31 जनवरी तक और जनवरी-मार्च तिमाही रिटर्न 31 मई तक दाखिल हो जाना चाहिए।
इन डॉक्युमेंट्स की होगी जरूरत
टीडीएस रिटर्न फाइल करने के लिए टैक्सपेयर को फॉर्म 16 या 16ए की जरूरत होगी, जो किसी भी तरह की आय पर टैक्स कटौती का सर्टिफिकेट होता है। इसमें कर्मचारी के बदले में एम्प्लॉयर द्वारा भरे गए टैक्स की डिटेल होती है। टैक्सपेयर अपने टीडीएस, टीसीएस और एडवांस टैक्स का फॉर्म 26एएस के जरिये भी आकलन कर सकता है।