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गलत UPI ID पर भेज दिए हैं पैसे? जल्द वापसी के लिए NPCI ने जारी किया नया नियम, जानिए

UPI Payments: NPCI ने अब बैंकों को यह अधिकार दिया गया है कि वे धोखाधड़ी, फेल हुए ट्रांजैक्शन या व्यापारियों की शिकायतों जैसे असली UPI पेमेंट विवादों पर बिना NPCI से पहले अनुमति लिए अपने आप कार्रवाई कर सकेंगे

Curated By: Abhishek Guptaअपडेटेड Jun 28, 2025 पर 9:52 PM
गलत UPI ID पर भेज दिए हैं पैसे? जल्द वापसी के लिए NPCI ने जारी किया नया नियम, जानिए
2025 में UPI द्वारा हर महीने 11.4 बिलियन से अधिक लेनदेन किए गए

NPCI Rule on UPI: अगर आप एक UPI यूजर है तो दिनभर में करीब 2-4 बार तो इसका यूज कर ही लेते होंगे। सब्जी खरीदने से लेकर पैसे भेजने तक यूपीआई हमारी जीवनशैली का एक अहम हिस्सा बन गया है। हालांकि इससे परेशानी तब होती है जब आप किसी को पेमेंट करें और गलती से वो पेमेंट किसी और को ट्रांसफर हो जाए। वैसे अब इससे घबराने की जरूरत नहीं है। UPI पेमेंट में होने वाली दिक्कतों को जल्द सुलझाने के लिए भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने एक नया नियम बनाया है। अब बैंकों को यह अधिकार दिया गया है कि वे धोखाधड़ी, फेल हुए ट्रांजैक्शन या व्यापारियों की शिकायतों जैसे असली UPI पेमेंट विवादों पर बिना NPCI से पहले अनुमति लिए अपने आप कार्रवाई कर सकेंगे।

NPCI के एक सर्कुलर (नंबर 184B/2025-2026) के अनुसार, बैंक सीधे 'अच्छी नीयत' से असली ग्राहक विवादों के लिए चार्जबैक शुरू कर सकते हैं। भले ही पहले उनकी कुछ अपीलें खारिज हो चुकी हों, अब उन्हें NPCI से पहले मंजूरी लेने की जरूरत नहीं होगी। दूसरे शब्दों में समझें, तो नए नियमों के तहत, बैंक अब कुछ खास तरह के खारिज किए गए चार्जबैक को NPCI से पहले अनुमति लिए बिना खुद ही उठा सकेंगे।

क्या था मुद्दा?

अभी तक अगर किसी खास खाते या UPI आईडी के लिए बैंक के विवाद अनुरोध (चार्जबैक) बार-बार खारिज हो जाते थे, तो NPCI का सिस्टम अपने आप आगे के प्रयासों को 'नेगेटिव चार्जबैक दर' (कारण कोड CD1/CD2) बताकर रोक देता था। जिन बैंकों को लगता था कि ग्राहक का मामला सही है, उन्हें विवाद को 'व्हाइटलिस्ट' करने के लिए NPCI से खुद अनुरोध करना पड़ता था, जिसमें काफी समय लगता था और ग्राहकों को समाधान मिलने में देरी होती थी।

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