आप रोजाना के पेमेंट के लिए यूपीआई और यूपीआई वॉलेट में से किसका इस्तेमाल करते हैं? ज्यादा उम्मीद है कि आप यूपीआई का इस्तेमाल करते होंगे। लेकिन, एक्सपर्ट्स का कहना है कि रोजाना की खरीदारी जैसे दूध, सब्जी, फल के पेमेंट के लिए यूपीआई वॉलेट का इस्तेमाल करना फायदेमंद और सुरक्षित है। ऐसा क्यों है, यह समझने के लिए हमें सबसे पहले यूपीआई और यूपीआई वॉलेट के बीच के फर्क को समझना होगा।
यूपीआई और यूपीआई वॉलेट के बीच फर्क
यूपीआई (UPI) एक पेमेंट सिस्टम है, जो दो बैंक अकाउंट के बीच पैसे ट्रांसफर करने की सुविधा देता है। यह ट्रांसफर स्मॉर्टफोन के यूपीआई ऐप के जरिए होता है। इसमें Google Pay, PhonePe और Paytm शामिल हैं। दूसरी तरफ यूपीआई वॉलेट (UPI Wallet) एक तरह का प्री-पेड वॉलेट है, जो यूपीआई ऐप से लिंक होता है। इस वॉलेट में डाले गए पैसे का इस्तेमाल अपने छोटे-छोटे ट्रांजेक्शन के लिए कर सकते हैं। इसके लिए आपको अपने बैंक अकाउंट को एक्सेस नहीं करना होगा।
यूपीआई वॉलेट को छोटे अमाउंट के ट्रांजेक्शन के लिए सुरक्षित इसलिए माना जाता है, क्योंकि इसमें आपको अपने बैंक अकाउंट को एक्सेस करने की जरूरत नहीं पड़ती है। आप उतने ही अमाउंट का पेमेंट कर सकेंगे, जितना पैसा आपके वॉलेट में पड़ा होगा।
इसे एक उदाहरण की मदद से समझ सकते हैं। मान लीजिए आपको 500 रुपये का पेमेंट करना है। लेकिन, गलती से आपने एक जीरो ज्यादा लगा दिया और पेमेंट 5000 रुपये का होगा। यह यूपीआई पेमेंट में मुमकिन है। लेकिन, यूपीआई वॉलेट में इसके आसार कम है। अगर आपके यूपीआई वॉलेट में 3000 रुपये हैं और गलती से आपने 500 की जगह 5000 का ट्राजेक्शन कर दिया है तो वह नहीं हो पाएगा, क्योंकि आपके यूपीआई वॉलेट की लिमिट 300 रुपये ही है।
यूपीआई वॉलेट के इस्तेमाल पर कैशबैक ऑफर, डिस्काउंट और रिवॉर्ड प्वाइंट्स मिलते रहते हैं। यूपीआई पेमेंट में यह फायदा नहीं मिलता है। कई वॉलेट प्रोवाइडर्स का दुकानदारों और ई-कॉमर्स कंपनियों से समझौता होता है। इससे वॉलेट से रोज की खरीदारी पर कुछ रिवॉर्ड देते हैं।
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यूपीआई वॉलेट को एक बार लोड कर देने के बाद स्मॉल पेमेंट में काफी आसानी होती है। आपको हर पेमेंट के लिए यूपीआई पिन डालने की जरूरत नहीं पड़ती है। इससे ट्रांजेक्शन जल्द पूरा हो जाता है। अगर आप रोजाना छोटे-छोटे ट्रांजेक्शन के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं तो इससे आपका काफी समय बच सकता है। दूसरा आपको यह भी चिंता करने की जरूरत नहीं पड़ती है कि आपके सेविंग्स अकाउंट में कितना पैसा बचा है। लोड करते वक्त जो पैसा आप डालते हैं, वह आपके ध्यान में होता है।