UPS Scheme: सरकारी नौकरी करने वालों के लिए बड़ी राहत वाली खबर है। केंद्र सरकार ने हाल ही में यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को नोटिफाई कर दिया है। यह स्कीम 1 अप्रैल 2025 से लागू हो चुकी है और अब केंद्रीय कर्मचारियों को इसमें शामिल होने का विकल्प मिल रहा है। खास बात यह है कि UPS में रिटायरमेंट के बाद एक तय पेंशन मिलती है, जबकि मौजूदा नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) पूरी तरह बाजार से जुड़ा हुआ है।
UPS दरअसल एक फंड-बेस्ड पेंशन सिस्टम है। इसमें हर महीने कर्मचारी और केंद्र सरकार दोनों का योगदान जमा होता है और रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी को नियमित पेंशन मिलती है। सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें कम से कम 10,000 रुपये की गारंटीड पेंशन हर महीने मिलेगी, बशर्ते कर्मचारी ने कम से कम 10 साल नौकरी की हो।
UPS और NPS में क्या फर्क है?
NPS बाजार आधारित है, इसमें पैसा शेयर और बॉन्ड जैसी जगहों पर लगाया जाता है। इसलिए रिटर्न मार्केट की चाल पर निर्भर करता है।
UPS में पेंशन गारंटीड है और यह आपकी आखिरी तनख्वाह से जुड़ी होती है।
NPS में रिटायरमेंट पर जमा कॉर्पस के हिसाब से पेंशन बनती है। UPS में हर हाल में न्यूनतम 10,000 रुपये पेंशन तय है।
कौन-कौन UPS का चुनाव कर सकता है?
UPS सिर्फ केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए है, जिनकी नियुक्ति 1 जनवरी 2004 के बाद हुई है और जो अभी NPS में शामिल हैं। रेल कर्मचारियों, दिहाड़ी मजदूरों, आकस्मिक स्टाफ, ऑल इंडिया सर्विसेज के अधिकारी या कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वालों के लिए यह स्कीम नहीं है। मौजूदा कर्मचारी 1 अक्टूबर 2025 तक UPS चुन सकते हैं। नए कर्मचारी, जिनकी जॉइनिंग 1 अप्रैल 2025 के बाद होगी, उन्हें जॉइनिंग के 30 दिन के भीतर विकल्प देना होगा।
NPS से UPS में कैसे करें ऑनलाइन शिफ्ट?
सरकार ने इसके लिए eNPS पोर्टल पर आसान प्रक्रिया शुरू की है।
NPS to UPS Migration विकल्प चुनें।
अपना PRAN नंबर और जन्मतिथि भरें।
डिक्लेरेशन पढ़कर स्वीकार करें और e-Sign करें।
आधार नंबर/VID से ओटीपी डालें और वेरीफाई करें।
प्रक्रिया सफल होने पर आपको Acknowledgement Number मिलेगा और आप फॉर्म डाउनलोड कर सकेंगे।
ध्यान रहे कि एक बार UPS चुन लेने के बाद इसे बदला नहीं जा सकता।
अगर आप ऑनलाइन अप्लाई नहीं करना चाहते तो Form A2 डाउनलोड करके भर सकते हैं।
इसे अपने ऑफिस हेड से वेरिफाई करवाना होगा।
फिर यह DDO → PAO/CDDO → CRA को भेजा जाएगा।
उसके बाद आपका PRAN अलॉट होगा और पहली कंट्रीब्यूशन 20 दिन में जमा करनी होगी।
यह स्कीम उन कर्मचारियों के लिए राहत है जो बाजार की उठा-पटक में अपने भविष्य को लेकर असुरक्षित महसूस करते थे। अब उन्हें यह भरोसा रहेगा कि रिटायरमेंट के बाद हर महीने तय पेंशन मिलेगी।