देश में मंहगाई की रफ्तार फिर से बढ़ने लगी है। सब्जियों के दाम चीते की रफ्तार से भाग रहे हैं। पिछले एक महीने में टमाटर, प्याज और आलू जैसी जरूरी सब्ज़ियों के दाम में आग लग चुकी है। रिटेल भाव में देखें तो इनके दाम 15 फीसदी से 58 फीसदी तक बढ़ चुके हैं। हालांकि, केंद्र सरकार का दावा है कि यह स्थिति कुछ ही दिनों के लिए हैं। आलू को छोड़कर बाकी सब्जियों के दाम जल्द ही कम हो जाएंगे। पिछले एक महीने में टमाटर के दाम 65.70 फीसदी, प्याज के दाम 35.36 फीसदी और आलू के दाम में 17.57 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
3 जुलाई 2024 को पूरे भारत में टमाटर के रिटेल औसत दाम 55.04 रुपये प्रति किलोग्राम पहुंच गए हैं। वहीं 3 जून 2204 को इसके दाम 34,73 रुपये प्रति किलोग्राम थे। केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अनुसार 58.48 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वहीं पिछले साल 3 जुलाई 2023 को इसकी कीमत 67.57 किग्रा थी। जुलाई के आखिरी तक और 2023 में अगस्त के पहले हफ्तों में कई इलाकों पर टमाटर के दाम 250 रुपये प्रति किलो पहुंच गए थे।
प्याज की कीमतों में लगी आग
प्याज की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है। 2 जुलाई 2024 को देशभर में एक किलो प्याज की रिटेल औसत कीमत 42.46 रुपये थी। वहीं पिछले महीने 3 जून 2024 को इसके दाम 32.39 रुपये थे। कुल मिलाकर पिछले एक महीने में 31.09 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। वहीं एक साल पहले इसी तारीख को प्याज की कीमत 25.04 रुपये प्रति किलो थी। ऐसे में अगर पिछले एक साल में तुलना करें तो प्याज की कीमतों में 69.57 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
आलू के दाम भी बढ़ गए हैं। 3 जुलाई 2024 को देश में आलू के रिटेल औसत दाम 34.65 रुपये पहुंच गए। वहीं एक महीना पहले इसी तारीख (3 जून 2024) को इसके दाम 29.97 रुपये प्रति किलोग्राम थे। पिछले साल इसी तारीख (3 जून 2023) को आलू के दाम 22.98 रुपये प्रति किलोग्राम थे। पिछले महीने की तुलना में आलू की कीमत में 15.62 फीसदी और पिछले साल की तुलना में 50.78 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
आलू के दाम में राहत मिलने के आसार नहीं
इस बीच केंद्र सरकार ने कहा है कि जल्द ही स्थिति काबू में आ जाएगी। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय का कहना है कि यह स्थिति कुछ दिनों तक ही रहेगी। टमाटर और प्याज की कीमतें जल्द ही कम हो जाएंगी। हालांकि, इस मौसम में आलू की कीमतों में तेजी बने रहने की आशंका जताई गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, टमाटर की कीमत में बढ़ोतरी मौसम की वजह से है। इस बार पिछले साल जैसे हालात नहीं होंगे। मंत्रालय ने उम्मीद जताई है कि कर्नाटक जैसे राज्यों में टमाटर दी दूसरी फसल शुरू हो चुकी है। ऐसे में जैसे ही टमाटर की आवक बढ़ेगी, इसकी कीमतों में गिरावट आ सकती है।