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Wedding season: शादियों में बदल रहा खर्च का तरीका, अब दिखावे से ज्यादा वैल्यू पर जोर

Wedding season: इस वेडिंग सीजन में खर्च का पूरा पैटर्न बदल रहा है। अब बजट दिखावे पर नहीं, बल्कि क्वालिटी, यादों और पर्सनलाइजेशन पर लगाया जा रहा है। जानिए कैसे नई पीढ़ी फैशन से लेकर फोटोग्राफी और एक्सपीरियंस डिजाइन तक हर खर्च को नए नजरिए से तय कर रही है।

Suneel Kumarअपडेटेड Dec 01, 2025 पर 2:59 PM
Wedding season: शादियों में बदल रहा खर्च का तरीका, अब दिखावे से ज्यादा वैल्यू पर जोर
शादी की फोटोग्राफी में बदलाव सिर्फ खर्च का नहीं, इमोशनल सोच का भी है।

Wedding season: भारत की वेडिंग इकोनमी इस सीजन खर्च करने के तरीके में बड़ा बदलाव दिखा रही है। पहले जहां परिवार शादी में फैशन, ज्वेलरी, फोटोग्राफी या सजावट जैसी चीजों पर बिना सोचे-समझे पैसा खर्च कर देते थे, अब फोकस बदल रहा है। लोग अब हर चीज में बेहतर क्वालिटी, असली काम और पर्सनल टच तलाश रहे हैं। यानी बड़े और भव्य खर्च की जगह यह देखा जा रहा है कि किस चीज की जरूरत है और कौन-सी चीज वास्तव में वैल्यू जोड़ती है।

रिटेलर्स और सर्विस प्रोवाइडर्स भी यही कह रहे हैं कि भले ही शादियां अब पहले से छोटी, सीमित मेहमानों वाली या अधिक क्यूरेटेड हो गई हों, लेकिन लोग उन चीजों पर ज्यादा खर्च कर रहे हैं जो टिकाऊ, प्रामाणिक और उनकी पर्सनैलिटी को दिखाती हों।

हैंडक्राफ्टेड फैशन की ओर वापसी

इंडियन सिल्क हाउस एजेंसिज के सीईओ दर्शन दुधोरिया बताते हैं कि इस वेडिंग सीजन में टियर-2 और टियर-3 शहरों में भी हैंडक्राफ्टेड सिल्क और प्रीमियम एथनिक वियर की मांग तेजी से बढ़ी है। यह 52 साल पुराना ब्रांड 62 वीविंग क्लस्टर्स के 15,000 से ज्यादा कारीगरों के साथ काम करता है। इसका कहना है, 'प्रीमियम एथनिक वियर, रिवाइवल वीव्स और सस्टेनेबल फेस्टिव फैशन इस सीजन की मांग तय कर रहे हैं।'

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