टैक्स सेविंग के साथ अपने लिए बनाना है रिटायरमेंट प्लान, जानिए कौनसी योजना है बेस्ट

Tax Saving: टैक्स सेविंग का टाइम चल रहा है। फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में इनकम टैक्स छूट का फायदा लेने के लिए सिर्फ 31 मार्च तक का समय है। ऐसे में अगर आप निवेश करने की तैयारी कर रहे हैं तो पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) या वॉलंटरी प्रोविडेंट फंड (VPF) कहां निवेश करना सही रहेगा

अपडेटेड Mar 24, 2024 पर 7:30 AM
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है। फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में इनकम टैक्स छूट का फायदा लेने के लिए सिर्फ 31 मार्च तक का समय है।

Tax Saving: टैक्स सेविंग का टाइम चल रहा है। फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में इनकम टैक्स छूट का फायदा लेने के लिए सिर्फ 31 मार्च तक का समय है। ऐसे में अगर आप निवेश करने की तैयारी कर रहे हैं तो पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) या वॉलंटरी प्रोविडेंट फंड (VPF) कहां निवेश करना सही रहेगा? आपको बता दें कि फिलहाल पीपीएफ पर 7.1 फीसदी और वीपीएफ पर 8.25 फीसदी ब्याज मिलता है। इसके अलावा रिटायरमेंट के लिए EPF योजना भी है। आइए जानते हैं इन दोनों में कहां निवेश करना बेहतर रहेगा।

सरकार की चलाई जा रही योजनाओं में 3 प्रॉविडेंट फंड योजनाएं है। पहली, स्वैच्छिक भविष्य निधि (VPF), कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) और सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF) है। ये उन व्यक्तियों के बीच काफी फेमस है जो अपनी रिटायरमेंट के लिए बड़ा फंड खड़ा करना चाहते हैं। जानिए कौन सी स्कीम आपके लिए है ज्यादा फायदेमंद हो सकती है।

ईपीएफ (EPF)


यह एक अनिवार्य रिटायरमेंट सेविंग स्कीम है। ईपीएफ में नियोक्ता और कर्मचारी दोनों का योगदान होता है। सैलरी स्ट्रक्चर के हिसाब से वर्कर और एंप्लॉयर का योगदान तय होता है। जबकि, इसमें से कुछ पैसा निकाला जा सकता है। आंशिक निकासी की अनुमति है, पूरी राशि केवल तभी जारी की जाएगी जब व्यक्ति सेवानिवृत्ति की आयु तक पहुंच जाएगा। योजना कर लाभ प्रदान करती है। ईपीएफ वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए उपयुक्त है, जिन्हें सेवानिवृत्ति-केंद्रित बचत विकल्प की आवश्यकता है।

पीपीएफ (PPF)

यह नौकरीपेशा को रिटायरमेंट क बाद बड़ा फंड बनाने के साथ टैक्स को कम करने में भी मदद करता है। पीपीएफ का न्यूनतम लॉक इन पीरियड 15 साल का होता है। हालांकि, कुछ समय के बाद एक निश्चित पैसा निकाला जा सकता है। पीपएफ में पैसा कोई भी लगा सकता है। ये एक लंबे समय की निवेश योजना है।

वीपीएफ (VPF)

वीपीएफ में निवेश का पैसा तय होता है लेकिन कर्मचारी चाहें तो ज्यादा पैसा अपनी इच्छा से निवेश कर सकते हैं। इसका मतलब है कि किराये से मिलने वाली इनकम या म्यूचुअल फंड से मिला पैसा भी आप इसमें निवेश कर सकते हैं। इसमें आप ज्यादा पैसा निवेश कर सकते हैं। इसमें पांच साल के बाद पैसा निकालने का ऑप्शन होता है। इस पर कोई टैक्स नहीं कटता है।

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First Published: Mar 24, 2024 7:30 AM

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