CPPS: केंद्रीकृत पेंशन पेमेंट प्रणाली (CPPS) भारत में ईपीएफओ (EPFO) के 78 लाख से अधिक पेंशनर्स को पेंशन कहीं से भी लेने की सुविधा देगा। यह सिस्टम पेंशनर्स को किसी भी बैंक या ब्रांच से पेंशन लेने की सुविधा देता है। इससे पेंशन पेमेंट प्रक्रिया अधिक कुशल, आसान और बिना किसी परेशानी के मिलेगी। 1 जनवरी 2025 से लागू इस सिस्टम के तहत अब PPO ट्रांसफर की आवश्यकता नहीं होगी।
केंद्रीकृत पेंशन पेमेंट प्रणाली (CPPS) क्या है?
केंद्रीकृत पेंशन पेमेंट प्रणाली (Centralized Pension Payment System) भारत में के लिए एक बड़ा बदलाव लेकर आई है। यह प्रणाली राष्ट्रीय स्तर पर पेंशन पेमेंट की सुविधा देती है। इसके तहत पेंशन किसी भी बैंक या ब्रांच के माध्यम से ली जा सकती है।
किन EPS पेंशनर्स को मिलेगा फायदा?
यह सुविधा 78 लाख से अधिक ईपीएफओ (EPFO) ईपीएस (EPS) पेंशनर्स को फायदा देती। लेटेस्ट आईटी और फाइनेंशियल तकनीक का इस्तेमाल करके यह प्रोसेस पेंशनर्स को अधिक कुशल, सरल और यूजर फ्रेंडली अनुभव देगी। खासकर उन रिटायर लोगों के लिए जो रिटायरमेंट के बाद अपने होमटाइन में ट्रांसफर हो जाते हैं। यह प्रोसेस एक बड़ी राहत साबित हो सकता है।
यह नई सुविधा EPFO के सेंट्रलाइज्ड आईटी इनेबल्ड सिस्टम (CITES 2.01) के तहत 1 जनवरी 2025 से लागू हो चुकी है।
अब PPO ट्रांसफर की जरूरत नहीं
यदि पेंशनर्स ट्रांसफर होते हैं या बैंक अथवा ब्रांच बदलते हैं, तब भी CPPS पेंशन का बिना किसी देरी और पेरशानी के पेंशन डिस्ट्रीब्यूट करेगा। इसके लिए पेंशन पेमेंट आदेश (PPO) को एक ऑफिस से दूसरे ऑफिस में ट्रांसफर करने की जरूरत नहीं होगी।
कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में कर्मचारियों और नियोक्ताओं दोनों योगदान करते हैं। कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी, महंगाई भत्ता और रिटेनिंग अलाउंस का 12% ईपीएफ (EPF) में योगदान करते हैं।
नियोक्ता भी सैलरी का 12% योगदान करते हैं, जिसमें से 8.33% EPS में और 3.67% EPF में जाता है। EPS योजना का लाभ केवल उन्हीं ईपीएफ सदस्यों को मिलता है, जिनकी 1 सितंबर 2014 से बेसिक सैलरी 15,000 रुपये मंथली से अधिक नहीं है। CPPS से पेंशनर्स को पेंशन लेने के लिए फ्लेक्सिबिलिटी मिलेगी और यह ट्रांसफर के झंझट को खत्म कर देगा।