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Loan Insurance कब लें, कब न लें और यह कैसे काम करता है? जानिए पूरी डिटेल

When To Take Loan Insurance: लोन इंश्योरेंस एक ऐसा फाइनेंशियल प्रोडक्ट है जो अप्रत्याशित परिस्थितियों, जैसे मृत्यु, बेरोजगारी या गंभीर बीमारी के दौरान आपके लोन के बकाया भुगतान को कवर करता है। इससे न केवल उधारकर्ता को वित्तीय सुरक्षा मिलती है, बल्कि परिवार भी लोन के बोझ से मुक्त रहता है।

Edited By: Shradha Tulsyanअपडेटेड Nov 08, 2025 पर 10:20 PM
Loan Insurance कब लें, कब न लें और यह कैसे काम करता है? जानिए पूरी डिटेल

लोन इंश्योरेंस एक ऐसी पॉलिसी होती है जो अप्रत्याशित घटनाओं जैसे नौकरी जाने, बीमारी या मृत्यु के समय आपके लोन के बकाया भुगतान को कवर करती है। इसे लोन प्रोटेक्शन इंश्योरेंस भी कहा जाता है। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी मुश्किल वक्त में आपके या आपके परिवार पर लोन का बोझ न पड़े।

कब लें लोन इंश्योरेंस?

अगर आपने बड़ा या लंबी अवधि का लोन लिया है, तो इंश्योरेंस लेना सबसे बेहतर होता है। इससे आपको मानसिक शांति मिलती है कि अचानक वित्तीय संकट आने पर आपका लोन चुका दिया जाएगा। विशेषकर अगर आपकी आय अस्थिर है या नौकरी सुरक्षा कम है, तो यह पॉलिसी आपकी वित्तीय सुरक्षा का कवच बनती है।

कब न लें लोन इंश्योरेंस?

छोटे लोन या कम अवधि वाले लोन पर इंश्योरेंस लेना जरूरी नहीं माना जाता। यदि आप पहले से ही हेल्थ या लाइफ इंश्योरेंस धारक हैं, और उसमें आपका कर्ज भी कवर हो रहा है, तो दोहराव से बचने के लिए अतिरिक्त लोन इंश्योरेंस की जरूरत नहीं। साथ ही, अगर आपकी वित्तीय स्थिति मजबूत है और आप लोन की मासिक किश्तें आसानी से चुकाने में सक्षम हैं, तो भी यह पॉलिसी जरूरी नहीं होती।

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