यूनियन बजट 2023 (Budget 2023) पेश होने के बाद भविष्य की तस्वीर पहले से ज्यादा साफ दिख रही है। सरकार ने पूंजीगत खर्च 33 फीसदी बढ़ाने का ऐलान किया है। हालांकि, बजट में कैपिटल गेंस टैक्स के नियमों में बदलाव नहीं किया गया है। लेकिन, सरकार ने यह साफ कर दिया है कि उसका फोकस इकोनॉमिक ग्रोथ की रफ्तार तेज करने पर बना हुआ है। यह स्टॉक मार्केट के लिए अच्छी खबर है। ऐसे में मनीकंट्रोल ने पराग पारिख फ्लेक्सी कैप फंड (PPFCF) के फंड मैनेजर राजीव ठक्कर से यह पूछा का अगर आज किसी इनवेस्टर को 10 लाख रुपये निवेश करना है तो उसे यह पैसा कहां लगाना चाहिए। ठक्कर ने बैंकिंग सेक्टर को अपनी पसंद बताया। खासकर प्राइवेट बैंकों को निवेश के लिए अच्छा बताया। इसके अलावा उन्होंने तथाकथित टेक्नोलॉजी कंपनियों के बारे में भी दिलचस्प बातें बताईं।
बैंकिंग शेयरों में दिख रहे अच्छे मौके
ठक्कर ने कहा कि बैंकों के लिए अब NPA एक बड़ा मसला नहीं रह गया है। उनकी बैलेंसशीट अच्छी दिख रही है। कुछ ऐसी सरकारी कंपनियों को भी देखा जा सकता है, जिनमें सरकार अपनी हिस्सेदारी घटाने या पूरी तरह बेचने का प्लान बना रही है। पहले सरकारी कंपनियों में गवर्नेंस एक बड़ा मसला रहा है। लेकिन, एयर इंडिया की बिक्री के बाद सरकार ने इच्छाशक्ति दिखाई है। सरकार नॉन-कोर ऐसेट वाली अपनी कई कंपनियों में हिस्सेदारी बेचना चाहती है।
लंबी अवधि में आईटी शेयरों में निवेश फायदेमंद
उन्होंने कहा कि आईटी सर्विसेज कंपनियों की पिटाई हुई है। लेकिन, ये ऐसी कंपनियां हैं, जिनका गवर्नेंस अच्छा है। अमेरिका और कुछ दूसरे देशों से डिमांड को लेकर कुछ चुनौतियां दिख रही हैं। लेकिन, इन कंपनियों में लंबी अवधि के नजरिये से किया गया निवेश फायदेमंद रहने की उम्मीद है। लेकिन, इसके लिए आपको धैर्य दिखाना होगा।
टेक्नोलॉजी और ट्रेडिशनल कंपनी के बीच का फर्क घट रहा
टेक्नोलॉजी कंपनियों में निवेश की संभावना के बारे में पूछने पर ठक्कर ने कहा कि आज टेक्नोलॉजी और ट्रेडिनशनल कंपनी के बीच फर्क खत्म हो रहा है। उन्होंने Disney का उदाहरण देते हुए कहा कि आपके लिए यह बताना मुश्किल होगा कि यह टेक्नोलॉजी कंपनी है या ट्रेडिशनल कंपनी है, क्योंकि यह Disney+ को ऑपरेट करती है, जो एक मूवी स्ट्रीमिंग सर्विस है। इसका मुकाबला Netflix से है। नेटफ्लिक्स एक टेक्नोलॉजी कंपनी है या एंटरटेनमेंट कंपनी है? Amazon एक टेक्नोलॉजी कंपनी है या रिटले कंपनी है?
फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट का आकर्षण बढ़ा
फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट में निवेश के मौके के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि इनका अट्रैक्शन बढ़ा है। अभी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और एचडीएफसी बैंक जैसे बड़े बैंकों के एक साल के सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट की सालाना यील्ड करीब 7.65 फीसदी है। अगर आप ज्यादा अवधि वाली सिक्योरिटीज को देखें तो भी यील्ड कमोबेश इतनी ही है। इसलिए आज लंबी अवधि की डेट सिक्योरिटीज को खरीदने में कोई फायदा नहीं दिख रहा है। आप एक साल से दो साल की डेट सिक्योरिटीज खरीद सकते हैं। मेरी सलाह है कि ज्यादातर इनवेस्टर्स को 70:30 के अनुपात के हिसाब से इक्विट-डेट के लिए एलोकेशन करना चाहिए।