क्या इंटरेस्ट रेट बढ़ने का असर घरों की मांग पर पड़ेगा? जानिए क्या हैं एक्सपर्ट्स के जवाब

रेपो रेट लगातार बढ़ने से न सिर्फ होम लोन लेने वाले लोग फिक्रमंद हैं बल्कि रियल एस्टेट कंपनियों में भी चिंता दिख रही है। माना जा रहा है कि Interest Rate बढ़ने से कोरोना की मार के बाद पटरी पर लौट रहे रियल एस्टेट सेक्टर पर असर पड़ सकता है। कंज्यूमर सेंटिमेंट बगड़ने से घरों की मांग घट सकती है

अपडेटेड Feb 10, 2023 पर 4:52 PM
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आम तौर पर रेपो रेट बढ़ने के बाद बैंकों के लिए फंड की कॉस्ट बढ़ जाती है। उन्हें RBI से पैसे उधार लेने के लिए ज्यादा इंटरेस्ट चुकाना पड़ता है।

RBI के 8 फरवरी को रेपो रेट (Repo Rate) बढ़ा देने के बाद होम लोन का इंटरेस्ट रेट बढ़ना तय है। होम लोन लेने वाले लोग यह अनुमान लगा रहे हैं कि उनकी EMI कितना बढ़ जाएगी। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ईएमआई 2-4 फीसदी बढ़ सकती है। उन लोगों पर ज्यादा असर पड़ेगा, जिनका होम लोन रेपो रेट जैसे किसी एक्सटर्नल बेंचमार्क से लिंक्ड है। आम तौर पर रेपो रेट बढ़ने के बाद बैंकों के लिए फंड की कॉस्ट बढ़ जाती है। उन्हें RBI से पैसे उधार लेने के लिए ज्यादा इंटरेस्ट चुकाना पड़ता है। इसका बोझ वह होम लोन के नए और पुराने ग्राहकों पर डालते हैं।

आपकी EMI पर ऐसे पड़ेगा असर

एंड्रोमेडा सेल्स और अपनापैसा डॉट कॉम के एग्जिक्यूटिव चेयरमैन वी स्वामीनाथन ने कहा कि रेपो रेट 25 बेसिस प्वॉइंट्स बढ़ने के बाद EMI 2-4 फीसदी बढ़ सकती है। उन्होंने कहा, "70 लाख रुपये के 20 साल के होम लोन जिसका इंटरेस्ट रेट 9.25 फीसदी है, उसकी EMI अब तक 64,111 रुपये थी। 0.25 फीसदी बढ़ने के बाद इंटरेस्ट रेट 9.50 फीसदी हो जाएगा। इससे EMI बढ़कर 65,249 रुपये हो जाएगी। इस तरह हर महीने EMI के रूप में 1,138 रुपये चुकाने होंगे।"


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पिछले साल मई के बाद इतनी बढ़ चुकी है EMI

उन्होंने कहा, "पिछली तीन तिमाही में रेपो रेट 2.5 फीसदी बढ़ा है। इस वजह से 20 साल के 70 लाख रुपये के होम लोन का इंटरेस्ट रेट जो पिछले साल मई में 7 फीसदी था, अब बढ़कर 9.5 फीसदी हो गया है। तब EMI 54,271 रुपये थी। अब यह 65,249 रुपये हो गई है। इस तरह ग्राहक को हर महीने 10,978 रुपये का अतिरिक्त पेमेंट करना पड़ रहा है।"नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर शिशिर बैजल ने कहा कि 8 फरवरी को रेपो रेट बढ़ने के बाद लोन 10-15 बेसिस प्वॉइंट्स और महंगा हो सकता है।

होम लोन लेने वालों के लिए क्या ऑप्शन है?

होम लोन लेने वाले लोगों को इंटरेस्ट को बढ़ने से रोकने के लिए प्रीपेमेंट के बारे में सोचना चाहिए। इससे उन्हें लोन की अवधि और EMI को नियंत्रण में रखने में मदद मिलेगी। उनके पास दो विकल्प हैं। पहला, उन्हें प्रीपेमेंट के लिए पैसे का इंतजाम करना होगा। दूसरा, उन्हें अपने होम लोन की अवधि बढ़ानी होगी। अगर वे दोनों में से कोई एक कदम नहीं उठाते हैं तो उनकी EMI बढ़ जाएगी।

क्या होम लोन की डिमांड पर भी असर पड़ेगा?

इंटरेस्ट रेट बढ़ने का हाउसिंग सेक्टर पर सीमित असर पड़ा है। नाइट फ्रैंक एफोर्डबिलिटी इंडेक्स में पिछले एक साल में औसत 1.4 फीसदी गिरावट आई है। पिछले साल होम लोन की डिमांड काफी मजबूत थी। दिसंबर 2022 में इसकी ग्रोथ 16 फीसदी दर्ज की गई है। इसलिए नाइट फ्रैंक का मानना है कि अगले फाइनेंशियल ईयर में कंज्यूमर सेंटिमेंट पर खराब असर नहीं पड़ेगा।

MoneyControl News

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First Published: Feb 10, 2023 4:49 PM

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