ITR Filing 2025: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने अब तक ITR-5, ITR-6 और ITR-7 फॉर्म की ऑनलाइन फाइलिंग यूटिलिटी जारी नहीं की है। नॉन-ऑडिट मामलों के लिए रिटर्न दाखिल करने की बढ़ी हुई आखिरी तारीख 15 सितंबर 2025 है, लेकिन अब महज दो महीने बचे हैं। ऐसे में इन फॉर्म्स के जरिए रिटर्न भरने वालों की चिंता बढ़ गई है।
टैक्स एक्सपर्ट के अनुसार, इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म में बड़े स्तर पर किए गए तकनीकी और स्ट्रक्चरल बदलाव इस बार की देरी के पीछे प्रमुख कारण हैं।
AKM ग्लोबल के टैक्स पार्टनर संदीप सहगल का कहना है, "असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए टैक्स दरों और रिपोर्टिंग में कई बदलाव हुए हैं। डिपार्टमेंट ने तकनीकी स्थिरता और AIS व Form 26AS जैसे बैकएंड सिस्टम के साथ सही इंटीग्रेशन सुनिश्चित करने के लिए यूटिलिटी का फेज वाइज रोलआउट चुना है।"
BCAS की कोषाध्यक्ष और चार्टर्ड अकाउंटेंट किंजल भुट्टा का कहना है कि यूटिलिटी में तकनीकी खामियां और प्री-फिल्ड डेटा में गड़बड़ियों की वजह से भी देरी हो रही है। उन्होंने बताया कि ITR-2 और ITR-3 की यूटिलिटी में भी इसी वजह से हाल में देर हुई थी।
इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के अनुसार , ITR-5 फर्म, LLPs और को-ऑपरेटिव सोसाइटी जैसे निकायों के लिए है। वहीं, ITR-6 वे कंपनियां भरती हैं जो सेक्शन 11 (धार्मिक या चैरिटेबल उद्देश्य की संपत्ति से आय) के तहत छूट का दावा नहीं करतीं। ITR-7 ट्रस्ट्स, राजनीतिक दलों और अन्य संस्थानों के लिए है जो सेक्शन 139(4A) से 139(4D) के तहत छूट के पात्र हैं।
तीनों फॉर्म्स में इस बार महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। रिटर्न फाइल करने से पहले इनके बारे में भी जानना जरूरी है।
कब तक आ सकती है यूटिलिटी?
एक्सपर्ट का मानना है कि यह देरी भले ही असुविधाजनक है, लेकिन इससे पोर्टल पर डेटा एरर की संभावनाएं कम होंगी। उम्मीद है कि ITR-5, 6 और 7 की यूटिलिटी जुलाई के अंत तक उपलब्ध करा दी जाएगी।
वहीं, जो टैक्सपेयर्स फिजिकल मोड में ITR फाइल कर रहे हैं, उन्हें रिटर्न दाखिल करने के 30 दिन के भीतर ITR-V का प्रिंट लेकर उस पर हस्ताक्षर कर CPC बेंगलुरु भेजना अनिवार्य होगा, अगर वे ई-वेरिफिकेशन का विकल्प नहीं चुनते हैं।