भारत में सैलरी पाने वाले कर्मचारियों के लिए प्रोविडेंट फंड (PF) सिर्फ एक रिटायरमेंट फंड नहीं, बल्कि करियर ट्रांजिशन या इमरजेंसी के वक्त एक जरूरी सहारा होता है। लेकिन, कई बार जरूरत के वक्त PF का पैसा निकालने में काफी दिक्कत होती है।
भारत में सैलरी पाने वाले कर्मचारियों के लिए प्रोविडेंट फंड (PF) सिर्फ एक रिटायरमेंट फंड नहीं, बल्कि करियर ट्रांजिशन या इमरजेंसी के वक्त एक जरूरी सहारा होता है। लेकिन, कई बार जरूरत के वक्त PF का पैसा निकालने में काफी दिक्कत होती है।
Employees’ Provident Fund Organisation (EPFO) के मुताबिक, PF निकालने की प्रक्रिया काफी आसान है। आप बस सही फॉर्म भरिए, KYC अपडेट रखिए और पैसे 7–15 वर्किंग डेज में मिल जाने चाहिए। लेकिन, अमूमन प्रक्रिया इतनी आसान नहीं होती है। कई बार तो लोगों महीनों तक इंतजार करना चाहिए।
PF का पैसा निकलने में क्यों होती है देरी?
EPF स्कीम, 1952 के पैरा 69 के मुताबिक, सभी दस्तावेज सही होने पर फंड समय पर मिलना चाहिए। लेकिन हकीकत में कई लोगों को महीनों तक इंतजार करना पड़ता है। वजह? आधार, पैन, बैंक खाता या नियोक्ता के रिकॉर्ड में मामूली सी गलती भी पूरी प्रक्रिया रोक सकती है।
एक्सपर्ट के मुताबिक, अगर आधार, बैंक डिटेल्स या एग्जिट डेट में गड़बड़ी हो, तो क्लेम प्रोसेस नहीं बढ़ता। सबसे आम समस्या होती है कि एंप्लॉयर ने EPFO पोर्टल पर एग्जिट डेट अपडेट ही नहीं की होती।
फॉर्म भरने में हो जाती है कंफ्यूजन
PF निकालने के लिए तीन मुख्य फॉर्म होते हैं:
कई लोगों को अक्सर नहीं पता होता कि उन्हें लंप सम निकालना है या पेंशन शुरू करनी है। कई बार 60 साल से ऊपर के लोग Form 10C भर देते हैं, जबकि उन्हें 10D भरना चाहिए। EPFO ने भले ही अब Composite Claim Form लॉन्च किया है, जिससे कई क्लेम एक ही फॉर्म में हो सकते हैं। लेकिन भ्रम अभी भी बना हुआ है, खासकर उन लोगों के लिए जो फाइनेंशियल डॉक्युमेंटेशन में माहिर नहीं हैं।
तकनीकी दिक्कतें और कंप्लायंस का बोझ
PF क्लेम करने के लिए आपको कुछ जरूरी शर्तें पूरी करनी होती हैं:
अगर इनमें से कोई एक भी नहीं हुआ है, तो क्लेम फाइल ही नहीं कर सकते। इसके अलावा पोर्टल पर तकनीकी समस्याएं- IFSC मिस्टेक, फाइल फॉर्मेट एरर, आधार ऑथेंटिकेशन फेल जैसी समस्याएं आम हैं। खासकर, जब एंप्लॉयर का डिजिटल सिग्नेचर जरूरी होता है, और वो आनाकानी करे, तो प्रक्रिया लंबे समय तक अटक सकती है।
ऐसे में सिर्फ फॉर्म भरना ही काफी नहीं है। सही डॉक्युमेंट्स जोड़ना, एंप्लॉयर से अटेस्टेशन लेना और फॉर्म सही कैटेगरी के अनुसार चुनना भी जरूरी है। कई लोग गलत फॉर्म भर देते हैं, कुछ को पता ही नहीं होता कि उनका UAN एक्टिव नहीं है, या बैंक डीटेल्स वेरिफाई नहीं हुई हैं।
अगर PF क्लेम फंस जाए तो क्या करें ?
PF क्लेम करने से पहले इन बातों पर दें ध्यान
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