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Yes Bank के करोड़ों ग्राहकों को लगेगा झटका! कस्टमर के अकाउंट से काटा कम बैलेंस का चार्ज, लगी 91 लाख की पेनाल्टी

Yes Bank: यस बैंक के करोड़ों ग्राहकों को झटका लग सकता है। क्या बैंक ने आपके भी सेविंग अकाउंट में बैलेंस कम होने पर चार्ज लगाया, जिसके लिए RBI ने Yes Bank पर पेनाल्टी लगाई है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों में ग्राहक सर्विस पर केंद्रीय बैंक के निर्देशों का पालन न करने के कारण यस बैंक पर 91 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है

अपडेटेड May 28, 2024 पर 5:44 PM
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Yes Bank: यस बैंक के करोड़ों ग्राहकों को झटका लग सकता है।

Yes Bank: यस बैंक के करोड़ों ग्राहकों को झटका लग सकता है। क्या बैंक ने आपके भी सेविंग अकाउंट में बैलेंस कम होने पर चार्ज लगाया, जिसके लिए RBI ने Yes Bank पर पेनाल्टी लगाई है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों में ग्राहक सर्विस पर केंद्रीय बैंक के निर्देशों का पालन न करने के कारण यस बैंक पर 91 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माना इसलिए लगाया गया है क्योंकि बैंक ने आरबीआई दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए कम बैलेंस या शून्य बैलेंस वाले कुछ अकाउंट में न्यूनतम बैलेंस अमाउंट नहीं बनाए रखने के लिए चार्ज लगाया था। यस बैंक की गलत प्रेक्टिस पर RBI ने जुर्माना लगाया है।

यस बैंक ने बैलेंस नहीं मेंटेन करने पर लगाया जुर्माना

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 27 मई को यस बैंक और आईसीआईसीआई बैंक पर जुर्माना लगाया। यह जुर्माना नियामकीय निर्देशों का पालन नहीं करने के चलते लगाया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक यस बैंक पर केंद्रीय बैंक ने 91 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यस बैंक पर 'बैंकों में कंज्यूमर सर्विस' और 'इंटरनल/ऑफिस अकाउंट्स के अनऑथराइज्ड ऑपरेशन' पर RBI के निर्देशों का पालन नहीं करने के चलते यह कार्रवाई की गई है। बैंक ने अपने ग्राहकों के नाम पर अनऑथराइज्ड उद्देश्यों जैसे कि पार्किंग फंड और ग्राहक लेनदेन को रूट करने के लिए कुछ इंटरनल अकाउंट्स खोले और ऑपरेट किए थे। यस बैंक के अलावा आईसीआईसीआई बैंक पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है।


यस बैंक की तरह आपका बैंक भी कर रहा है ऐसा काम

RBI के मुताबिक ऐसे मामले सामने आए हैं जहां यस बैंक ने इंसफिशिएंट या जीरो बैलेंस वाले अकाउंट्स पर शुल्क लगाया, साथ ही इंटरनल अकाउंट्स के ऑपरेशन में अनऑथराइज्ड एक्टिविटी भी देखी गई। यह जुर्माना सुपरवाइजरी इवैल्यूएशन के लिए वैधानिक जांच (ISE 2022) के दौरान किए गए एक कंप्रिहेंसिव असेसमेंट के बाद लगाया गया, जिसमें ऐसे उदाहरण सामने आए जहां बैंक ने कुछ सेविंग अकाउंट्स में मिनिमम बैलेंस बैलेंस न रखने पर शुल्क लगाया और अनऑथराइज्ड कामों के लिए इंटरनल अकाउंट्स ऑपरेट किए।

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MoneyControl News

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First Published: May 28, 2024 5:24 PM

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