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आपका एंप्लॉयीज प्रोविडेंट फंड रिटर्न के मामले में शेयरों से आगे निकल जाता है, जानिए कैसे

EPF को टैक्स के मामले में EEE का दर्जा हासिल है। इसका मतलब है कि आपको जो पैसा इनवेस्ट करते हैं वह टैक्स-फ्री है। आपके पैसे पर जो इंटरेस्ट मिलता है वह टैक्स-फ्री है। रिटायरमेंट पर जो पैसा आपको मिलता है वह भी टैक्स-फ्री है

Edited By: Rakesh Ranjanअपडेटेड Aug 21, 2025 पर 4:52 PM
आपका एंप्लॉयीज प्रोविडेंट फंड रिटर्न के मामले में शेयरों से आगे निकल जाता है, जानिए कैसे
EPF में सालाना 8.25 फीसदी इंटरेस्ट मिलता है।

मैंने एक क्लाइंट को यह बताया कि एंप्लॉयी प्रोविडेंट फंड (ईपीएफ) पर 8.25 फीसदी का रिटर्न इक्विटी पर 16 फीसदी के रिटर्न से ज्यादा फायदेमंद हो सकता है, वह हंसने लगा। उसने कहा कि यह नामुमकिन है। बाद में मैंने उसको पूरा कैलकुलेशन समझाया।

EPF के काम करने का तरीका अलग है। अगर आप प्राइवेट नौकरी करते हैं और ईपीएफ के तहत आते हैं तो आपकी बेसिक सैलरी का 12 फीसदी आपके ईपीएफ अकाउंट में हर महीने डिपॉजिट होता है। इतना ही पैसा एंप्लॉयर हर महीने आपके ईपीएफ अकाउंट में कंट्रिब्यूट करता है। ईपीएफ पर इंटरेस्ट रेट 8.5 फीसदी है। 5 साल के बाद विड्रॉल टैक्स-फ्री है।

EPF को टैक्स के मामले में EEE का दर्जा हासिल है। इसका मतलब है कि आपको जो पैसा इनवेस्ट करते हैं वह टैक्स-फ्री है। आपके पैसे पर जो इंटरेस्ट मिलता है वह टैक्स-फ्री है। रिटायरमेंट पर जो पैसा आपको मिलता है वह भी टैक्स-फ्री है। ईपीएफ अकाउंट में आपके कंट्रिब्यूशन पर सेक्शन 80सी के तहत डिडक्शन की इजाजत है। इनकम टैक्स की पुरानी और नई दोनों ही रीजीम में आपके ईपीएफ अकाउंट में एंप्लॉयर का कंट्रिब्यूशन आपकी टैक्सबेल इनकम का हिस्सा नहीं होता है।

ईपीएफ के मामले में दो लिमिट्स अहम हैं, जिनके बारे में जानना जरूरी है। पहला, अगर पीएफ + एनपीएस + सुपरएनुएशन में एंप्लॉयर का कुल कंट्रिब्यूशन एक साल में 7.5 लाख को पार कर जाता है तो एक्सेस अमाउंट पर टैक्स लगता है। दूसरा, अगर ईपीएफ/वीपीएफ में आपका कंट्रिब्यूशन एक साल में 2.5 लाख रुपये से ज्यादा है तो एक्सेस अमाउंट पर टैक्स लगता है।

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