Anant Chaturthi 2025: आज बांधा जाएगा 14 गांठ वाला अनंत सूत्र, जानें क्यों है खास

Anant Chaturthi 2025: अनंत चतुर्दशी हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण पर्व है, जो भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की पूजा की जाती है और गणेशोत्सव का समापन होता है। भक्त आस्था और श्रद्धा के साथ व्रत-पूजन कर सुख-समृद्धि की कामना करते हैं

अपडेटेड Sep 06, 2025 पर 8:18 AM
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Anant Chaturthi 2025: अनंत चतुर्दशी से जुड़ी एक पौराणिक कथा महाभारत काल से भी संबंधित है।

Anant Chaturthi 2025: अनंत चतुर्दशी हिंदू धर्म का एक खास और आस्था से जुड़ा त्योहार है। इसे हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मनाया जाता है। इस दिन भक्त भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की पूजा करते हैं और उनसे सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। अनंत चतुर्दशी का संबंध गणेश उत्सव से भी है, क्योंकि यही दिन गणपति विसर्जन का अवसर लेकर आता है। दस दिन तक चले उल्लासपूर्ण गणेशोत्सव के बाद भक्तगण बड़ी श्रद्धा और भावनाओं के साथ बप्पा को विदा करते हैं।

अनंत चतुर्दशी पर पूजा के साथ 14 गांठ वाला विशेष धागा बांधने की परंपरा भी निभाई जाती है, जिसे ‘अनंत सूत्र’ कहा जाता है। इसे धारण करना शुभ और कल्याणकारी माना जाता है। इस साल ये पर्व 6 सितंबर को मनाया जाएगा।

14 गांठ वाले सूत्र की परंपरा


इस दिन पूजा के बाद एक विशेष धागे को बांधने की परंपरा है, जिसे अनंत सूत्र या अनंत डोर कहा जाता है। इस सूत्र में 14 गांठें होती हैं, जो धार्मिक रूप से बेहद शुभ मानी जाती हैं। मान्यता है कि जो भक्त इसे बांधते हैं, उन्हें भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।

पौराणिक मान्यता और विष्णु लोक की प्राप्ति

कथाओं के अनुसार, अनंत सूत्र बांधने से न केवल संकट दूर होते हैं, बल्कि विष्णु लोक की प्राप्ति भी होती है। यही कारण है कि इस दिन भक्त बड़ी श्रद्धा से भगवान विष्णु की पूजा करके ये सूत्र बांधते हैं और 14 दिनों तक इसे अपने हाथ में धारण करते हैं।

महाभारत से जुड़ी कथा

अनंत चतुर्दशी से जुड़ी एक पौराणिक कथा महाभारत काल से भी संबंधित है। जब पांडव जुए में सब कुछ हारकर वनवास भोग रहे थे, तब भगवान कृष्ण ने उन्हें ये व्रत रखने का सुझाव दिया। युधिष्ठिर ने भगवान की आज्ञा मानकर अनंत सूत्र धारण किया, जिससे उनके कष्ट दूर हो गए और जीवन में नए अवसर मिले। तभी से ये व्रत अत्यंत शुभ और कल्याणकारी माना जाता है।

कैसे बनाया जाता है अनंत सूत्र?

अनंत सूत्र सामान्यतः कच्चे सूत या रेशम के धागे से बनाया जाता है। पूजा के समय इसे पवित्र करके 14 गांठें लगाई जाती हैं। माना जाता है कि हर गांठ जीवन की एक समस्या को दूर करने का प्रतीक होती है।

पुरुष और महिलाएं कैसे बांधें सूत्र?

इस व्रत में पुरुष अपने दाहिने हाथ में अनंत सूत्र बांधते हैं, जबकि महिलाएं इसे बाएं हाथ में धारण करती हैं। सूत्र को चौदह दिनों तक हाथ में बांधकर रखना चाहिए और इस अवधि में भगवान विष्णु से अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की प्रार्थना करनी चाहिए।

जीवन की बाधाएं दूर करने वाला सूत्र

अनंत सूत्र को सिर्फ एक धागा नहीं, बल्कि आस्था का प्रतीक माना जाता है। इसे बांधने से जीवन में आ रही कठिनाइयां दूर होती हैं, मानसिक शांति मिलती है और भविष्य में आने वाली परेशानियों से रक्षा होती है।

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First Published: Sep 06, 2025 8:18 AM

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