आज से ठीक एक महीने बाद, यानी 7 सितंबर को आसमान में एक अद्भुत खगोलीय घटना का दीदार होगा। ये साल का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण होगा। इस चंद्र ग्रहण के साथ कई खास बातें जुड़ी हुई हैं। एक तो ये पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा और दूसरा, ये भारत में भी नजर आएगा। इतना ही नहीं इस दिन आसमान में ब्लड मून खिलेगा।
कब और कहां देख सकतें हैं?
पूर्ण चंद्र ग्रहण 7 सितंबर को होगा। इसकी शुरुआत 7 सितंबर रात 9.58 बजे होगी और ये 8 सितंबर को तड़के 1.26 बजे खत्म होगा। ग्रहण का मुख्य चरण पूर्ण रूप से 82 मिनट का होगा। समय और तारीख के मुताबिक इसे दुनिया के लगभग 77% हिस्से में देखा जा सकेगा। इसका अर्थ ये हुआ कि दुनिया के 6.2 अरब लोग इसे पूरी तरह से देख सकेंगे। यह ग्रहण पूरी तरह से चीन, जापान, दक्षिण पूर्व एशिया और ऑस्ट्रेलिया के कुछ हिस्सों में भी नजर आएगा। इसके अलावा केन्या, ईरान और आसपास के क्षेत्रों के लोग भी पूर्ण ग्रहण को देख सकते हैं। कुछ क्षेत्रों में केवल आंशिक ग्रहण ही दिखाई देगा। इनमें यूरोप, अफ्रीका, पूर्वी ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के कुछ हिस्से शामिल हैं।
भारत में कब और कहां दिखेगा?
भारत में पूर्ण चंद्र ग्रहण को स्पष्ट देखा जा सकेगा। यह देश के ज्यादातर हिस्सों से रात 11 बजे से 12.22 बजे के बीच देखा जा सकेगा।
चंद्रमा तक पहुंचने वाली सूरज की रोशनी जब धरती की वजह से अवरुद्ध होती है तब पूर्ण या आंशिक चंद्र ग्रहण होता है। इस दौरान चंद्रमा पृथ्वी की सबसे गहरी छाया अंब्रा (umbra) से होकर गुजरता है। इस दौरान इस पर गहरे लाल रंग का प्रभाव नजर आता है, जिसकी वजह से इसे ब्लड मून ( Blood Moon) नाम मिला है।
पूर्णता, उस अवधि को कहते हैं, जब चंद्रमा पूरी तरह से अंब्रा में होता है। ग्रहण का पूर्ण हिस्सा 80 मिनट का हो सकता है। ये अलग-अलग क्षेत्रों के आधार पर अलग-अलग हो सकता है। चंद्र ग्रहण पेरीजी (perigee) से कुछ दिन पहले होता है, जब चंद्रमा धरती के सबसे करीब होता है। इस वजह से ये सामान्य से काफी बड़ा नजर आता है और इसे ही सुपरमून (Supermoon) कहते हैं।
कब होगा अगला चंद्र ग्रहण ?
7 सितंबर, 2025 को इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण होगा। इसके बाद अगला पूर्ण चंद्र ग्रहण 2-3 मार्च 2026 को होगा। यह नजारा एशिया, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के ज्यादातर हिस्सों में नजर आएगा। जबकि यूरोप, अफ्रीका और अंटार्कटिका के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा।