Devuthani Ekadashi 2025: योग निद्रा से 1 नवंबर को जागकर संसार का कामकाज संभालेंगे श्री हरि, जानिए पूजा विधि और मुहूर्त

Devuthani Ekadashi 2025: देवउठनी एकादशी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन संसार के पालनहार भगवान विष्णु चार महीने बाद योग निद्रा से जागते हैं और सृष्टि का कामकाज फिर से संभालते हैं। इस साल 01 नवंबर को ये एकादशी मनाई जाएगी। आइए जानें पूजा विधि और मुहूर्त

अपडेटेड Oct 29, 2025 पर 2:38 PM
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देवशयनी एकादशी के दिन से चातुर्मास शुरू हो जाता है, जो देवउठनी एकादशी तक रहता है।

Devuthani Ekadashi 2025: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को हर साल देवउठनी एकादशी मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु चार माह की योग निद्रा के बाद जागते हैं संसार का कामकाज फिर से संभालते हैं। श्री हरि जिन चार महीनों के दौरान योग निद्रा में रहते हैं उसे चतुर्मास कहते हैं और हिंदू धर्म में इस दौरान विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य नहीं होते हैं। भगवान विष्णु के जागने के बाद मांगलिक कार्य फिर से शुरू हो जाते हैं। इसलिए हिंदू धर्म में पूरे साल आने वाली 24 एकादशी तिथियों में से इस एकादशी का महत्व सबसे ज्यादा है। इस साल ये एकादशी का व्रत और पूजा 01 नवंबर के दिन किया जाएगा। आइए जानें इसकी पूजा विधि और मुहूर्त

कब से कब तक रहेगी एकादशी तिथि

पंचांग के अनुसार, कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 1 नवंबर को सुबह 09:11 बजे से शुरू होकर 2 नवंबर को सुबह 07:31 बजे तक रहेगी। 1 नवंबर को पूरे दिन एकादशी तिथि रहेगी इसलिए 1 नवंबर को ही देवउठनी एकादशी मनाई जाएगी।

पूरे दिन ये मुहूर्त हैं शुभ

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04:50 बजे से 05:41 बजे तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 01:55 बजे से 02:39 बजे तक


गोधूलि मुहूर्त - शाम 05:36 बजे से 06:02 बजे तक

निशिता मुहूर्त - रात 11:39 बजे से 12:31 बजे तक

पूजा विधि

इस दिन सुबह स्नान करके साफ कपड़े पहनें और पूर्व दिशा में पूजा स्थल पर भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित करें। उसके बाद तुलसी के पौधे के पास एक दीपक जलाएं। विष्णु भगवान को पीले फूल, तुलसी दल और पीले फल अर्पित करें। फिर शंख बजाकर या घंटी बजाकर उन्हें जगाएं और 'ऊं नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जप करें।

एकादशी व्रत पारण समय

देवउठनी एकादशी व्रत का पारण अगले दिन यानी 02 नवंबर को किया जाएगा। इस दिन व्रत का पारण करने का समय 01:11 बजे से लेकर शाम 03:23 बजे तक है।

इसलिए योग निद्रा में जाते हैं श्री हरि विष्णु

भगवान विष्णु देवशयनी एकादशी के दिन योग निद्रा में चले जाते हैं। अपने परम भक्त असुरराज बलि को दिए वचन के अनुसार, भगवान विष्णु 4 माह के लिए पाताल लोक में रहते हैं। देवशयनी एकादशी के दिन से चातुर्मास शुरू हो जाता है, जो देवउठनी एकादशी तक रहता है। देवउठनी एकादशी के दिन भगवान योगनिद्रासे जागते हैं और संसार का कामकाज फिर से संभालते हैं। इसके बाद से मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाते हैं।

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