November Pradosh Vrat: हिंदू वर्ष के हर माह में दो बार प्रदोष व्रत किया जाता है। एक बार कृष्ण पक्ष में और एक बार शुक्ल पक्ष में। दो व्रतों का बहुत महत्व है। प्रदोष व्रत कृष्ण या शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन किया जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। माना जाता है कि इस दिन सच्चे मन से शिव-पार्वती की पूजा करने से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उनकी कृपा से सुख-समृद्धि प्राप्ति होती है। उज्जैन के पंडित आनंद भारद्वाज ने लोकल 18 को बताया कि प्रदोष व्रत के दिन पूजा प्रदोष काल में यानी सूर्यास्त के बाद की जाती है। प्रदोष व्रत का महत्व उस दिन से और बढ़ जाता है, जिस दिन यह किया जाता है। जैसे सोमवार के दिन किया जाने वाले व्रत सोम प्रदोष और शनिवार के दिन पड़ने वाला व्रत शनि प्रदोष होता है। आइए जानें नवंबर माह काम पहला प्रदोष व्रत किस दिया किया जाएगा और इसकी विधि व शुभ मुहूर्त क्या होंगे?
