Dusshera 2025: बुराई पर अच्छाई और असत्य पर सत्य की जीत का पर्व है दशहरा। ये नवरात्र का अंतिम दिन होता है। इस दिन रावण दहन के साथ नवरात्र का पर्व समाप्त हो जाता है। यह त्योहार अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस साल नवरात्र के पर्व में एक दिन बढ़ने की वजह से दशहरा की सही तिथि को लेकर लोगों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है। बता दें, इस साल शारदीय नवरात्र का त्योहार नौ दिनों का नहीं 10 दिनों का होगा और दशहरा या विजयादशमी का पर्व 11वें दिन मनाया जाएगा। इस दिन पूरे देश में बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है। आइए जानें इस त्योहार की सही तिथि और समय
दशमी तिथि 01 अक्टूबर से होगी शुरू
पंचांग के अनुसार आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि बुधवार, 01 अक्टूबर 2025 को दोपहर 12:12 बजे लगेगी और गुरुवार, 02 अक्टूबर 2025 को दोपहर 01:13 बजे तक रहेगी। उदया तिथि 02 अक्टूबर को मिलने की वजह से ये पर्व गुरुवार के दिन मनाया जाएगा।
दशहरा या विजयादशमी का पर्व असत्य पर सत्य की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान राम ने रावण का वध कर धर्म की रक्षा की थी। एक अन्य प्राचीन कथा के अनुसार, मां दुर्गा नवरात्रि के बाद इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था। इस दिन कई क्षेत्रों में शस्त्र पूजन किया जाता है, जिसमें शस्त्र और औजारों की पूजा करने की परंपरा है। इस दिन नए कार्य की शुरुआत करना शुभ माना जाता है।
बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के तौर पर दशहरे के दिन रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण के पुतलों का दहन करने की परंपरा है। रावण दहन देखने के लिए लोग उत्साहपूर्वक मैदानों और मेलों में इकट्ठा होते हैं।
विजयादशमी के पर्व में विजय मुहूर्त में शस्त्र पूजा करना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस मुहूर्त में पूजा करने से मां दुर्गा शत्रु पर विजय का आशीर्वाद देती हैं।
विजय मुहूर्त प्रारंभ : दोपहर 01:57 बजे
विजय मुहूर्त समाप्त : दोपहर 02:44 बजे