Surya Grahan 2025: साल का आखिरी सूर्य ग्रहण आज, भारत में दिखाई देगा या नहीं, जानें पूरी जानकारी

Surya Grahan 2025: 21 सितंबर को साल का दूसरा सूर्य ग्रहण लगेगा। यह आंशिक ग्रहण रात 11 बजे से सुबह 3:24 बजे तक रहेगा और कन्या राशि व उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में होगा। भारत में ये दिखाई नहीं देगा। ग्रहण के समय धार्मिक नियमों और सावधानियों का पालन करना शुभ माना जाता है

अपडेटेड Sep 21, 2025 पर 9:18 AM
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Surya Grahan 2025: हिंदू धर्म के अनुसार सूर्य ग्रहण के 12 घंटे पहले सूतक काल शुरू होता है

21 सितंबर यानी आज महालया अमावस्या 2025 के साथ साल का दूसरा सूर्य ग्रहण भी लगेगा, जो आंशिक रूप में होगा। ये ग्रहण रात 11 बजे से शुरू होकर अगले दिन सुबह 3:24 बजे तक रहेगा और इसकी कुल अवधि लगभग चार घंटे 24 मिनट है। ये ग्रहण कन्या राशि और उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में स्थित होगा। आंशिक सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है और सूर्य का एक हिस्सा ढक जाता है। इस ग्रहण का प्रभाव ज्योतिष के अनुसार उन देशों और क्षेत्रों में देखा जाएगा, जहां ये दिखाई देगा। हालांकि भारत में ये ग्रहण रात के समय लगने के कारण दिखाई नहीं देगा।

महालया अमावस्या के दिन ग्रहण लगना इसे और भी विशेष बनाता है। इसे ध्यान में रखते हुए धार्मिक और ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार इस दिन कुछ विशेष नियम और सावधानियां भी अपनाई जाती हैं, ताकि पितरों और ग्रहों का आशीर्वाद सुरक्षित रूप से प्राप्त किया जा सके।

क्या भारत में दिखाई देगा?


ये ग्रहण रात में लग रहा है, इसलिए भारत में ये दिखाई नहीं देगा। इसी कारण भारत में इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। सूतक काल का पालन केवल उन्हीं देशों में किया जाएगा, जहां ग्रहण दिखाई देगा।

ग्रहण कहां देखा जा सकेगा?

ये आंशिक सूर्य ग्रहण भारत को छोड़कर अन्य देशों में दिखाई देगा। प्रमुख स्थान हैं:

न्यूजीलैंड: वेलिंग्टन, ऑकलैंड, क्राइस्टचर्च, नॉरफॉक द्वीप, किंग्स्टन

ऑस्ट्रेलिया: सिडनी, होबार्ट

अन्य क्षेत्र: अंटार्कटिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर

इस ग्रहण में लगभग 85% सूर्य का हिस्सा ढका रहेगा।

किन देशों में नहीं दिखाई देगा?

ये ग्रहण भारत, नेपाल, यूएई, अफगानिस्तान, श्रीलंका और अन्य एशियाई देशों में दिखाई नहीं देगा। इसके साथ ही यूरोप, उत्तर अमेरिका, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के अधिकांश हिस्सों में भी ग्रहण नहीं दिखाई देगा।

सूतक काल और सावधानियां

हिंदू धर्म के अनुसार सूर्य ग्रहण के 12 घंटे पहले सूतक काल शुरू होता है और ग्रहण खत्म होने तक रहता है। सूतक काल में कुछ नियम पालन करना शुभ माना जाता है:

वृद्ध और बीमार लोगों को छोड़कर भोजन आदि करने से बचें।

गर्भवती महिलाओं को फल, सब्जी काटने या नुकीली वस्तुएं इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।

इस दौरान कोई भी शुभ काम, जैसे विवाह या यात्रा, टाल देना चाहिए।

भारत में ग्रहण दिखाई न देने के कारण सूतक काल मान्य नहीं होगा।

सूर्य ग्रहण क्या है और इसके प्रकार

सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है, जिससे सूर्य की किरणें कुछ समय के लिए पृथ्वी तक नहीं पहुंच पातीं।

सूर्य ग्रहण के मुख्य प्रकार:

  1. पूर्ण ग्रहण: सूर्य पूरी तरह ढक जाता है।
  2. आंशिक ग्रहण: सूर्य का केवल एक हिस्सा ढक जाता है।
  3. वलयाकार ग्रहण: सूर्य के किनारे की रौशनी बनी रहती है।

यह सूर्य ग्रहण साल का दूसरा ग्रहण है। इससे पहले 7 सितंबर 2025 को साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगा था। इस ग्रहण को देखकर कई देशों में धार्मिक और ज्योतिषीय मान्यताएं लागू होंगी, जबकि भारत में इसे केवल तात्कालिक जानकारी के तौर पर ही देखा जाएगा।

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Anchal Jha

Anchal Jha

First Published: Sep 21, 2025 9:18 AM

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