Eid-ul-fitr 2025: जैसे-जैसे रमजान का आखिरी हफ्ता शुरू हो रहा है, भारत समेत दुनियाभर के मुस्लिम समाज के लोग इस खास त्योहार का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। रमजान के पूरे महीने रोजे रखने के बाद यह खुशी का दिन आता है। भारत में रमजान 2 मार्च से शुरू हुआ है, इसलिए ईद-उल-फितर 31 मार्च या 1 अप्रैल को मनाई जा सकती है। इसका फैसला चांद दिखने पर होगा, जो इस्लामी महीने शव्वाल की शुरुआत बताता है। वहीं भारत से एक दिन पहले सऊदी अरबी में ईद मनाया जाता है। आइए जानते हैं भारत और सउदी अरब में कब मनाई जाएगी ईद।
ईद की सही तारीख चांद देखने के बाद तय होती है। सऊदी अरब में रमजान भारत से एक दिन पहले शुरू होता है, इसलिए वहां ईद भी एक दिन पहले मनाई जाती है। इस बार सऊदी में 29 मार्च को ईद का चांद दिखने की संभावना है। अगर ऐसा होता है, तो वहां 30 मार्च को ईद होगी। लेकिन अगर 29 मार्च को चांद नहीं दिखा, तो ईद 1 अप्रैल को मनाई जाएगी । अब सबकी नजरें चांद पर टिकी हैं, क्योंकि ईद का दिन चांद देखने के बाद ही तय होगा।
इस साल भारत में 27 मार्च को 26वां रोजा रखा गया है, यानी अब सिर्फ 4 रोजे बाकी हैं। इस साल भारत में रमजान 2 मार्च से शुरू हुआ था क्योंकि 1 मार्च को नया चांद दिखा। वहीं, सऊदी अरब में रमजान एक दिन पहले, 1 मार्च से शुरू हो गया। वहीं अगर 30 मार्च की शाम मगरिब की नमाज के बाद चांद दिख जाता है तो ईद 31 मार्च को होगी। अगर चांद नहीं दिखता, तो ईद 1 अप्रैल को मनाई जाएगी। सऊदी अरब में भी यही तरीका अपनाया जाता है। अगर 29 मार्च की शाम चांद दिख जाता है तो ईद 30 मार्च को होगी, नहीं तो 31 मार्च को मनाई जाएगी।
ईद के लिए चांद देखना क्यों जरूरी है?
इस्लामिक कैलेंडर चांद के हिसाब से चलता है, इसलिए हर नए महीने की शुरुआत चांद दिखने के बाद होती है। ईद-उल-फितर इस्लामी कैलेंडर के दसवें महीने शव्वाल की पहली तारीख को मनाई जाती है। चूंकि चांद के महीने 29 या 30 दिनों के होते हैं, इसलिए हर साल ईद की तारीख बदलती रहती है। ईद का सही दिन तभी तय होता है जब धार्मिक विद्वान चांद देखने की पुष्टि करते हैं। इसी वजह से ईद का चांद देखने की परंपरा बहुत खास मानी जाती है।